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Shocking: UAE से तीन भारतीयों का शव पहुंचा दिल्ली, प्रशासन ने लेने से किया इनकार, शवों को वापस भेजा गया

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ पूरा देश लड़ाई लड़ रहा है। सरकार दावा कर रही है कि वह इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में मानवीय संवेदनाओं का पूरा खयाल रख रही है। कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों के शव का पूरे रीति रिवाज के अंतिम संस्कार किया जा रहा है। लेकिन इस बीच एक ऐसी खबर आई है जिसने मानवीय संवेदनाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल अबू धाबी में तीन भारतीयों की मौत हो गई, जिसके बाद इन शव को भारत भेजा गया था लेकिन इन शवों को वापस भेज दिया गया और इसे स्वीकार नहीं किया गया। अहम बात ये है कि तीनों ही व्यक्तियों की मौत कोरोना संक्रमण के वजह से नहीं हुई थी, बावजूद इसके इन शवों को स्वीकार नहीं किया गया।

दस्तावेजों की कमी की वजह से शव वापस भेजा

दस्तावेजों की कमी की वजह से शव वापस भेजा

जानकारी के अनुसार तीन व्यक्तियों का शव गुरुवार की शाम नई दिल्ली पहुंचा था, लेकिन स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से शुक्रवार को शवों को वापस भेज दिया गया। इस घटना के बाद यूएई में भारत के राजदूत पवन कपूर भी चकित हैं। उन्होंने कहा कि तीनों शवों को दिल्ली भेजा गया था, लेकिन प्रशासन ने उन्हें प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए वापस भेज दिया। जो भी हुआ है, उससे मैं स्तब्ध हूं। हमे नहीं पता है कि ये शव कोरोना से संबधित पाबंदियों की वजह से वापस भेजा गया है, लेकिन हम कोरोना वायरस से मरने वालों के शव को वापस नहीं भेज रहे हैं

संवेदनशील मामला

संवेदनशील मामला

बता दें कि कमलेश भट्ट जिनकी 17 अप्रैल को मौत हो गई थी, उनके शव को गुरुवार को भारत भेजा गया था, उनके साथ संजीव कुमार और जगसीर सिंह के शव को भी भेजा गया था, जिनकी मौत 13 अप्रैल को हुई थी, इनकी भी मौत कोरोना की वजह से नहीं बल्कि प्राकृतिक कारणों से हुई थी। लेकिन प्रशासन ने यहां इन शवों को लेने से इनकार कर दिया और कुछ घंटों बाद इसे वापस यूएई भेज दिया। यूएई में भारत के पूर्व राजदूत तमलीज अहमद ने कहा कि शवों को भेजा जाना एक संवेदनशील और परिवार के लिए भावुक मामला है। गल्फ क्षेत्र में सभी दूतावास इसकी महत्ता से अवगत हैं। कई बार यहां मरने वाले अपने परिवार के लिए एकमात्र आजीविका का जरिया होते हैं। इस मामले को बेहतरी से देखा जा सकता था।

80 लाख भारतीय गल्फ में

80 लाख भारतीय गल्फ में

बता दें कि दिल्ली में यह दूसरा मामला ऐसा है। इससे पहले केरल के दो लोगों का शव भी चेन्नई पहुंचा था, लेकिन प्रोटोकॉल की कमी की वजह से उसे वापस भेज दिया गया था। सूत्रों की मानें तो केरल के एक व्यक्ति का शव आज भारत पहुंच सकता है। बता दें कि गल्फ में भारत के तकरीबन 80 लाख नागरिक हैं, इसमे से अधिकतर मजदूर और श्रमिक के तौर पर काम करते हैं। 23 मार्च को सभी सीमाओं को भारत में सील कर दिया गया है। सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह के मामलों में जल्द ही एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किया जाएगा।

परिवार वाले स्तब्ध

परिवार वाले स्तब्ध

वहीं जिन लोगों का शव भारत लाया गया था, उनके परिवार के लोग और दोस्तों में इस घटना से काफी दुख है। जगसीर सिंह के साथी का कहना है कि हमारे पास सभी जरूरी दस्तावेज थे, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट प्रशासन ने कहा कि हमे अन्य स्वीकृति की जरूरत है। मृत्यु प्रमाणपत्र में साफ लिखा है कि मृत्यु की वजह सड़क हादसे की वजह से हुई है। वहीं अबू धाबी गुरुद्वारा के हरजिंदर सिंह व जसवंत सिंह ने कहा कि हम अस अमानवीय कृत्य से दुखी हैं, शवों को वापस नहीं लौटाना चाहिए था। किसी भी दस्तावेज की कमी थी तो उसे क्लीयर करना चाहिए था, शवों को वापस भेज देना शर्मनाक है।

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English summary
Shocking 3 dead bodies of indian returned to UAE after Delhi refused to accept ctizens bodies.
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