बीजेपी वादे से मुकरना चाहती है, तो गठबंधन तोड़ ले- शिवसेना
नई दिल्ली- महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच सीटों का तालमेल भले ही हो चुका है, लेकिन गठबंधन पर खतरे के बादल अभी भी मंडरा रहे हैं। शिवसेना के नेता और राज्य में मंत्री रामदास कदम ने कहा है कि दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री के पद की साझेदारी पर ही समझौता हुआ था। लेकिन, अगर बीजेपी अपने वादे से पीछे हटना चाहती है, तो तत्काल गठबंधन तोड़ सकती है। दरअसल, रामदास कदम का ये बयान प्रदेश बीजेपी नेता और मंत्री चंद्रकांत पाटिल के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में जो पार्टी ज्यादा सीटें जीतेगी मुख्यमंत्री उसी का होगा।
दरअसल, पिछले सोमवार को ही बीजेपी और शिवसेना ने महाराष्ट्र में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव साथ-साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। समझौते के मुताबिक लोकसभा की 48 सीटों में से 25 पर बीजेपी और 23 पर शिवसेना लड़ेगी। जबकि, विधानसभा की 288 सीटों पर गठबंधन के बाकी दलों के लिए सीटें छोड़ने के बाद दोनों पार्टियां बराबर सीटों पर अपना भाग्य आजमाएंगी। लेकिन, दो दिन बाद ही इस गठबंधन पर ग्रहण के संकेत दिख रहे हैं। बुधवार को शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा कि" सेना-बीजेपी का समझौता दो अहम शर्तों के आधार पर हुआ। एक तो कोंकण इलाके से ननार रिफाइनरी प्रोजेक्ट को हटाना था और दूसरा मुख्यमंत्री का पद आधे-आधे कार्यकाल के लिए साझा करना था।" उन्होंने कहा कि शिवसेना इसी के बाद तालमेल के लिए तैयार हुई थी। लेकिन, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के वादे के बावजूद बीजेपी के वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि जो पार्टी विधानसभा में ज्यादा सीटें जीतेगी, मुख्यमंत्री उसी का होगा। कदम ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि "तय यह हुआ था कि मुख्यमंत्री का पद दोनों पार्टियों को ढाई-ढाई साल के लिए मिलेगा। अगर बीजेपी अपना वादा नहीं निभाना चाहती है, तो उसे अभी ही गठबंधन तोड़ लेना चाहिए। "
गौरतलब है कि 2014 के आम चुनाव में दोनों पार्टियों ने बाकी घटक दलों के साथ मिलकर राज्य की 48 में से 42 सीटों पर कब्जा कर लिया था। इनमें से 23 सीटें बीजेपी और 18 सीटें शिवसेना के खाते में गई थीं। लेकिन, उसी साल हुए विधानसभा चुनाव में दोनों के बीच गठबंधन टूट गया और दोनों ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था। हालांकि, बाद में शिवसेना बीजेपी सरकार में शामिल हो गई थी।
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