राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की 'पंख' अभियान की शुरुआत
आज देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर राज्य में 'पंख' अभियान का शुभारंभ किया।
नई दिल्ली। आज देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर राज्य में 'पंख' अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, "जब मैं विधायक बना, तो मैंने गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए एक योजना शुरू की ताकि इन्हें बोझ न समझा जाए। जब मैं मुख्यमंत्री बना, हम चाहते थे कि लड़कियों को एक वरदान के रूप में देखा जाए, बोझ नहीं इसलिए हम लाड़ली लक्ष्मी योजना लाए।"
पंख
अभियान
को
लेकर
उन्होंने
ट्वीट
किया,
"#PANKH
अभियान
के
शुभारंभ
कार्यक्रम
में
बेटियों
की
ऊर्जामयी
उपस्थिति
से
मन
असीम
उत्साह
व
आनंद
से
भर
गया।
इनके
पंखों
को
मजबूत
करने
का
मेरा
संकल्प
और
मजबूत
हुआ,
ताकि
ये
अपनी
ऊंची
उड़ान
से
प्रदेश
और
देश
के
गौरव
को
असीम
ऊंचाइयों
तक
पहुंचा
सकें।
#DeshKiBeti
#NationalGirlChildDay"
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान बोले-बजट 2021 के लिए सभी मंत्री योजनाओं की समीक्षा करें
इस मौके पर उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभान्वित बालिकाओं, शौर्य दल की वीरांगनाओं और वन-स्टॉप सेंटर्स की बहनों से सीधा संवाद किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि, "आज मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है। हमारे द्वारा साल 2007 में लाई गई लाड़ली लक्ष्मी योजना से लाभान्वित लड़कियों से मिलकर आज में बेहद खुश हूं। राज्य की प्रत्येक बेटी के चेहरे पर मुस्कान लाना मेरी ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर एक व्यक्ति की ड्यूटी है।" योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, "राज्य की 37 लाख बालिकाएं आज इस योजना का लाभ ले रही हैं। तमाम विरोधों के बावजूद हमने इस योजना को लागू किया था। आज मेरा संकल्प पूरा हो रहा है।" उन्होंने कहा कि आज महिलाओं का हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर का योगदान है। उन्होंने हर माता पिता से अपील की उन्हें अपने बच्चों में भेदभाव नहीं करना चाहिये। अगर देश में माता-पिता लड़का-लड़की में भेदभाव करना बंद कर दें तो आधी समस्या का समाधान हो सकता है और अब भेदभाव में कमी देखी जा रही है।
गौरतलब है, शिवराज सरकार द्वारा लाए जाने वाले पंख अभियान का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को सुरक्षा, जागरूकता, पोषण, जानकारी और स्वास्थ्य व स्वच्छता से जोड़ते हुए उनका विकास करना है. ... जो डेटाबेस तैयार कर बेटियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे और उनके विकास की देखरेख करेंगे।