आर या पार के मूड में शिवपाल यादव, मुलायम सिंह को दिया 2 दिन का अल्टीमेटम
शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि वो शनिवार तक अपना फैसला लें।
नई दिल्ली। मुलायम सिंह यादव के कुनबे में एक बार फिर से अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच ठनती हुई नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल यादव ने 'समाजवादी सेक्युलर मोर्चा' का गठन कर ऐलान किया है कि वो 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। सूत्रों की मानें तो इस खींचतान के बीच अब शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि वो शनिवार तक अपना फैसला लें। माना जा रहा है कि मुलायम सिंह का रुख स्पष्ट होने के बाद शिवपाल सैफई में एक बड़ा कार्यक्रम करने की तैयारी में हैं।
अचानक सपा दफ्तर क्यों पहुंचे मुलायम?
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए शिवपाल यादव ने बुधवार को एक अलग पार्टी 'समाजवादी सेक्युलर मोर्चा' बनाने का ऐलान किया था। शिवपाल यादव के इस ऐलान के अगले ही दिन गुरुवार को मुलायम सिंह यादव लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पहुंचे और टीम अखिलेश के लोगों से बातचीत की। इसके बाद शुक्रवार को भी मुलायम पार्टी दफ्तर पहुंचे। सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुलायम सिंह यादव अखिलेश के साथ आ सकते हैं।
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सैफई में शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में शिवपाल
सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिवपाल यादव भी सैफई में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर अपना शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। इसी के मद्देनजर शिवपाल ने मुलायम को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि नेताजी दो दिन के अंदर अपना फैसला लें। बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव को मनाने की तमाम कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी झुकते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। अखिलेश यादव फिलहाल दो दिन के उत्तराखंड दौरे पर गए हुए हैं।
अखिलेश ने कहा, इसके पीछे भाजपा का हाथ
गौरतलब है कि 'समाजवादी सेक्युलर मोर्चा' का गठन करते हुए शिवपाल यादव ने कहा था कि यह मोर्चा यूपी में एक नया सियासी विकल्प बनेगा। शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी में केवल मैं ही नहीं, बल्कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) भी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में उपेक्षा का शिकार हो रहे लोगों को मोर्चे से जोड़ा जाएगा। वहीं, अखिलेश यादव ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि देखते रहिए, क्योंकि जैसे-जैसे लोकसभा और यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे, वैसे-वैसे ऐसी तमाम घटनाएं देखने को मिलेंगी। उन्होंने कहा कि जरूर इसके पीछे बीजेपी का हाथ हो सकता है।
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