शिवपाल ने कौरवों से की अखिलेश यादव की तुलना, मुलायम सिंह को बताया मजबूर
मेरठ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल के बीच चल रही राजनीतिक जंग लगातार बढ़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी से अलग होकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के साथ नई राजनीतिक पारी शुरू कर चुके शिवापाल सिंह यादव ने अखिलेश की तुलना कौरवों से की है। वहीं उन्होंने कहा कि, मुलायम सिंह यादव रिश्तों की मजबूरी के चलते अखिलेश का साथ दे रहे हैं।
नेताजी का आशीर्वाद हमारे यानी सेक्युलर मोर्चा के साथ है
गुरुवार को मेरठ में एक समाचार को दिए इंटरव्यू में शिवपाल सिंह ने कहा कि, महाभारत के भीष्म पितामाह का आशीर्वाद पांडवों के साथ था, लेकिन किसी के कारणवश कौरवों के साथ खड़े थे। इसी तरह नेताजी का आशीर्वाद हमारे यानी सेक्युलर मोर्चा (पांडवों) के साथ है, लेकिन वह किसी मजबूरी में समाजवादी पार्टी (कौरवों) के साथ खड़े हैं। नेताजी हमारे आदरणीय हैं और हमेशा रहेंगे। हम उनके आशीर्वाद से राजनीतिक नई पारी खेल रहे हैं।
शिवपाल सिंह ने मुलायम सिंह को सेक्युलर मोर्च से चुनाव लड़ने का भी ऑफर दिया
जब उनसे ये सवाल किया गया कि, नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने आखिर बेटे का साथ दिया, भाई का नहीं तो उन्होंने कहा कि, रिश्तों की मजबूरियों की बात छोड़िए। राजनीतिक में उतार-चढ़ाव वक्त के हिसाब से आते रहते हैं। शिवपाल सिंह ने मुलायम सिंह को सेक्युलर मोर्च से चुनाव लड़ने का भी ऑफर दिया है। अगर फैसला मुलायम सिंह के हाथ में है कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ते हैं। बता दें कि समाजवादी पार्टी पहले ही मुलायम सिंह को मैनपुरी से अपना लोकसभा का उम्मीदवार बना चुकी है।
अब एकता की गुंजाइश कतई नहीं बची
अखिलेश के साथ सुलह की उम्मीदों पर बोलते हुए शिवपाल सिंह ने कहा कि, अब बहुत देर हो चुकी है। मैंने दो साल इंतजार किया कि दिल में कोई मैल न रहे, एक होकर काम करें। पार्टी को मजबूत करें। अपमान भी सहा, लेकिन उन्हें (अखिलेश को) शायद मेरा साथ कबूल नहीं था। एकता की गुंजाइश कतई नहीं बची। बताते चले कि, शिवपाल सिंह ने अपनी नई पार्टी का नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी रखा है। इस पार्टी का उन्होंने चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन भी करा दिया है।
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