शिवसेना ने मोदी सरकार को किया आगाह, कहा- चुनावी फायदे के लिए ना हो युद्ध जैसी बयानबाजी
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सोमवार को महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन हो गया है। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने मोदी सरकार को मंगलवार लोकसभा चुनाव से पहले आगाह किया है। शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार कोई ऐसा व्यवहार न करे, जिससे ऐसे आरोपों को मजबूती मिले कि सरकार चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए युद्ध छेड़ने की कोशिश कर रही है।
शिवसेना की मोदी सरकार को नसीहत
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि राजनीतिक फायदे के लिए दंगों और आतंकवादी हमलों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पार्टी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि कश्मीर के छात्रों को निशाना बनाए जाने से सरकार के लिए ज्यादा परेशानी खड़ी हो सकती है।गौरतलब है कि शिवसेना की तरफ से ये टिप्पणी आगामी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानभा चुनाव के लिए बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन के बाद आई है। समझौते के मुताबिक महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीट पर लड़ेगी। 2014 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना 22 और बीजेपी 26 सीटों पर लड़ी थी। महाराष्ट्र में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। भाजपा और शिवसेना समझौते के तहत बराबर सीटों पर लड़ेंगी। पिछली बार विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने अकेले चुनाव लड़ा था। हालांकि चुनाव बाद शिवसेना सरकार में शामिल हो गई थी।
'चुनाव जीतने के लिए ना हो युद्ध का इस्तेमाल'
उद्धव
ठाकरे
ने
किसी
का
नाम
लिए
बिना
कहा
कि
कुछ
समय
पहले
ऐसे
राजनीतिक
आरोप
लगे
थे
कि
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
चुनाव
जीतने
के
लिए
छोटे
स्तर
पर
युद्ध
छेड़
सकते
हैं।
शासकों
को
इस
तरह
का
व्यवहार
नहीं
करना
चाहिए
कि
इन
आरोपों
को
बल
मिले।
14
फरवरी
को
पुलवामा
में
सीआरपीएफ
के
काफिले
में
हुए
हमले
का
जिक्र
करते
हुए
शिवसेना
ने
सामना
में
लिखा
कि
इस
आतंकी
हमले
के
बाद
लोगों
में
गुस्सा
है।
इसे
लेकर
सरकार
आलोचना
का
सामना
कर
रही
है।
लेकिन
आतंकी
हमले
और
दंगो
का
इस्तेमाल
राजनीतिक
फायदे
के
लिए
नहीं
उठाना
चाहिए।
'कश्मीरी छात्रों पर हमले से होगी परेशानी'
पार्टी
ने
सरकार
को
आगाह
किया
कि
देश
के
विभिन्न
हिस्सों
में
कश्मीरी
छात्रों
पर
हालिया
हमलों
की
घटनाएं
ज्यादा
परेशानी
खड़ी
कर
सकती
हैं।
शिवसेना
ने
इससे
पहले
1984
में
भूतपूर्व
पीएम
इंदिरा
गांधी
की
हत्या
के
बाद
हुए
सिख
विरोधी
दंगों
की
याद
दिलाई
और
कहा
कि
कांग्रेस
को
आज
तक
उसके
लिए
भारी
कीमत
चुकानी
पड़
रही
है।