शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल पर वोटिंग का किया बहिष्कार तो सहयोगी दल NCP ने क्या कहा
नई दिल्ली। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया। एक ओर जहां कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे संवैधानिक इतिहास का काला दिन बताया तो वहीं इस बिल पर शिवसेना ने राज्यसभा में वोटिंग से दूरी बनाई और वॉकआउट किया। बिल पर चर्चा के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर निशाना तो साधा लेकिन बिल के पक्ष या विपक्ष में होने को लेकर कुछ नहीं कहा था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना वोटिंग से दूरी बना सकती है। वहीं,शिवसेना के इस कदम पर एनसीपी की तरफ से प्रतिक्रिया आई है।
एनसीपी ने शिवसेना के फैसले पर क्या कहा
महाराष्ट्र में शिवसेना की सहयोगी पार्टी एनसीपी की तरफ से नागरिकता बिल पर वोटिंग से दूरी बनाने के फैसले पर प्रतिक्रिया आई है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि वोटिंग का बहिष्कार कर शिवसेना ने ये मैसेज दिया है कि प्रस्तावित कानून के विवादास्पद पहलुओं पर पार्टी के बीजेपी जैसे विचार नहीं हैं। हालांकि, पार्टी के ही एक नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि अगर शिवसेना ने वोट किया होता तो, तीन वोटों से विपक्ष को कोई फायदा नहीं होता।
शिवसेना ने क्या कहा
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर वोटिंग से दूरी बनाने के फैसले के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि मेरी पार्टी और मैंने महसूस किया कि जब जवाब ठीक से नहीं दिए जा रहे हैं तो बिल का समर्थन या विरोध करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यह वोट बैंक की राजनीति के लिए एक साजिश है और आपके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं, तो उन लोगों को 25 साल तक मतदान का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।
राज्यसभा में पास हुआ CAB
संजय राउत ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं शरणार्थियों को नागरिकता दी जानी चाहिए या नहीं दी जानी चाहिए। बता दें कि राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े। इस तरह लोकसभा के बाद राज्यसभा में ये बिल पारित हो गया। राज्यसभा में पारित होने के बाद अब इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, उनकी मंजूरी के बाद ये कानून की शक्ल से लेगा।