शिवसेना का पीएम मोदी पर तंज, कहा- हम प्रवचन ही देते रहे और रूस वैक्सीन बनाकर आत्मनिर्भर बन गया
शिवसेना ने पीएम मोदी के क्वारंटाइन होने को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं...
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को कोरोना से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 26 लाख के पार पहुंच गई। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच शिवसेना ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसा है। पार्टी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में लेख लिखते हुए कहा कि रूस ने कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन बनाकर दिखा दिया कि वो आत्मनिर्भर है और भारत में आत्मनिर्भर होने को लेकर केवल बातें बनाई जा रही हैं।
'रूस ने आत्मनिर्भर बनने का पहला सबक दे दिया'
अपने लेख में संजय राउत ने कहा, 'जिस समय रूस की वैक्सीन को गलत साबित करने के लिए पूरी दुनिया में एक मुहिम छिड़ी हुई है, उस वक्त राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी बेटी के ऊपर ही उस वैक्सीन का ट्रायल कराया और अपने देश में एक आत्मविश्वास पैदा किया। रूस ने दुनिया को आत्मनिर्भर बनने का पहला सबक दे दिया और हम अभी तक आत्मनिर्भर बनने को लेकर केवल प्रवचन ही दे रहे हैं।'
'क्या पीएम मोदी खुद को क्वारंटाइन करेंगे'
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए संजय राउत ने कहा, 'यह देखते हुए कि राम मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन समारोह के दौरान उनके साथ मौजूद थे, क्या खुद को क्वारंटाइन करेंगे। स्थिति इतनी गंभीर है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और उनकी हालत चिंताजनक है। इसके अलावा मोदी सरकार के कई मंत्री और नौकरशाह भी कोरोना वायरस की चपेट में हैं।'
रूस की वैक्सीन पर छिड़ा विवाद
आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बीते मंगलवार को ही घोषणा की थी कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ पहली वैक्सीन तैयार कर ली है। पुतिन ने यह भी बताया कि उनकी एक बेटी को भी इस वैक्सीन की डोज दी गई है। हालांकि रूस की वैक्सीन को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद भी छिड़ा हुआ है। दरअसल विशेषज्ञों का कहना है कि रूस ने इस वैक्सीन को ह्यूमन ट्रायल की कठोर प्रक्रियाओं का पालन किए बिना ही अप्रूवल दे दिया है और ऐसे में इसे सुरक्षित वैक्सीन नहीं कहा जा सकता। इस मामले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बयान जारी करते हुए कहा है कि रूस की वैक्सीन, उन 9 वैक्सीन में शामिल नहीं है, जो टेस्टिंग की एडवांस स्टेज में हैं।
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