एयर इंडिया को लेकर शिवसेना ने सरकार पर कसा तंज, कहा- 'एक तरफ 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का वादा और दूसरी तरफ.....'
नई दिल्ली। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचे जाने के सरकार के फैसले पर अब शिवसेना ने तंज कसा है। पार्टी ने कहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार कंपनी को चलाने में विफल रही है। बता दें बीते साल सरकार ने इसकी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी लेकिन ये सौदा नहीं हो पाया। जिसके बाद इस साल सरकार ने पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है।
अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने एयर इंडिया को चलाने के लिए सरकार की योग्यता पर सवाल उठाया है। भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना ने ये भी सवाल किया है कि निजीकरण ही एक विकल्प क्यों है। इसमें लिखा है, 'एयर इंडिया कभी देश का गौरव थी... लेकिन बदलती परिस्थितियों के कारण, इसपर 80 से 90 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो गया। विमानन उद्योग में कई चुनौतियां होती हैं और यहां कड़ी प्रतियोगिता है। लेकिन ये सब होने के बावजूद भी निजी कंपनियां चल रही हैं। तो ये सवाल उठता है कि क्यों सरकार एयर इंडिया जैसी कंपनी को ठीक से नहीं चला सकती।'
इसमें लिखा है, 'एक तरफ 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के वादे किए जाते हैं और दूसरी तरफ कर्ज में डूबी कंपनियों को बेचा जाता है।' शिवसेना ने चेतावनी भी दी है कि एयर इंडिया के निजीकरण होने पर इसके कर्मियों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। शिवसेना ने कहा है, 'सबसे जरूरी सवाल उन हजारों कर्मियों के भविष्य को लेकर है जो एयर इंडिया के साथ काम कर रहे हैं। उन्हें कोई परेशानी ना उठानी पड़े। हर कोई जानता है कि जेट एयरवेज के साथ क्या हुआ और ऐसी चीजें एयर इंडिया के साथ नहीं होनी चाहिए। लोगों को ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वो बेरोजगार नहीं होंगे। एयर इंडिया पूरी तरह बिकने के बाद भी हमेशा याद की जाएगी और देश के लिए गौरव बनी रहेगी।'
बता दें अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, 'जब सरकार के पास पैसे नहीं होते, तब वह ऐसा ही करती है। भारत सरकार के पास पैसा नहीं है, ग्रोथ 5 फीसदी से भी कम है और मनरेगा में लाखों रुपये का पेमेंट नहीं किया गया है। यह वही है जो वो करेंगे, हमारे पास मौजूद सभी बेशकीमती संपत्तियां बेच देंगे।' सीपीआई महासचिव डी राजा ने सरकार की गलत नीतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट के जरिए फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यह सौदा पूरी तरह से देश विरोधी है और मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, हम परिवार की बेशकीमती चीज को नहीं बेच सकते हैं।
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