गांधी परिवार की SPG सुरक्षा हटने पर शिवसेना ने केंद्र पर साधा निशाना- 'किसी के जीवन से.....'
मुंबई। संसद के शीत सत्र में गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटने का मुद्दा कई बार उठ चुका है। अब शिवसेना ने भी अपने संपादकीय 'सामना' में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटने पर चिंता व्यक्त की है। इसमें लिखा है कि चाहे राजनेता दिल्ली के हों या महाराष्ट्र के, वो सुरक्षित होने चाहिए।
बता दें सरकार ने गांधी परिवार- सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा को जेड प्लस में बदल दिया है। शिवसेना ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटने पर केंद्र की आलोचना की है।
'बुलेटप्रूफ कारों का महत्व बरकरार'
सामना में लिखा है, 'प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य मंत्री अपनी सुरक्षा हटाने के लिए तैयार नहीं हैं और बुलेटप्रूफ कारों का महत्व बरकरार है। इसका मतलब है कि गांधियों की सुरक्षा को हटाने की चिंता वैध है। उनके काफिले में इस्तेमाल कारों को भेजना चिंता का विषय है।' इसमें लिखा है कि अगर ये चिंता सही है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए।
'लोगों के जागने से पहले राष्ट्रपति शासन हटवा दिया'
शिवसेना ने कहा, 'गृह मंत्रालय के अनुसार, गांधी परिवार को खतरा अब कम हो गया है और इसी वजह से एसपीजी कवर हटाया गया है। इस तरह से सोचने वाला गृह मंत्रालय में कौन है? ये एक बड़ा सवाल है। गृह मंत्रालय को तो ये भी लगा था कि देवेंद्र फडणवीस के पास महाराष्ट्र में पूर्ण बहुमत प्राप्त है। लोगों के जागने से पहले महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटवा दिया और फडणवीस को सीएम बना दिया। लेकिन कुछ दिनों में ही फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया।'
'नेहरु के प्रति नफरत बाहर आई है'
इसमें आगे लिखा है, 'गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा इसलिए दी गई थी क्योंकि इंदिरा गांधी की उनके ही सुरक्षा गार्डों ने हत्या कर दी थी और राजीव गांधी को उग्रवादियों ने मार दिया था। कुछ महीनों पहले श्रीलंका में एक आतंकी हमला हुआ था। सरकार के कांग्रेस से राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं। इन पांच सालों में नेहरु के प्रति नफरत बाहर आई है। लेकिन किसी को किसी के निजी जीवन से नहीं खेलना चाहिए। अगर गांधी की जगह कोई और होता तब भी हम ऐसा ही सोचते।'
गौरतलब है कि एसपीजी (संशोधन) बिल पर बुधवार को संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि भाजपा कभी प्रतिशोध की भावना से कदम नहीं उठाती, यह कांग्रेस ही थी जिसने अतीत में कई ऐसे फैसले लिए हैं। गांधी परिवार के लिए उलटा सुरक्षा कवर बढ़ा है।
शाह ने क्या कहा?
शाह ने कहा, 'ऐसा इंप्रेशन बनाया जा रहा है कि गांधी परिवार से सुरक्षा वापस लेने के लिए एसपीजी अधिनियम में संशोधन किया गया है। लेकिन ये तथ्य नहीं है। गांधी परिवार की सुरक्षा को वापस नहीं लिया गया है, बल्कि इसे 'जेड-प्लस' कर दिया गया है।' ये बिल संसद में कांग्रेस के वॉकआउट के बाद पास हुआ था। कई विपक्षी नेता भी बिल में बदलाव चाहते थे। बिल में संशोधन के अनुसार अब एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानंमत्री और उनके आधिकारिक निवास पर साथ रहने वाले परिवार को ही मिलेगी।
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