शिवसेना का मोदी सरकार पर हमला- केवल विज्ञापन देने से नहीं मिलेगा रोजगार
नई दिल्ली। उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर हमला बोला है। शिवसेना ने कहा है कि केवल शब्दों से खेलने से किसी समस्या का हल नहीं निकलने वाला है। शिवसेना का ये बयान उस आंकड़े के जारी होने के बाद आया है जिसमें आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च (2018- 19) में 5 सालों में सबसे कम 5.8 फीसदी बताई गई है।
शिवसेना ने बेरोजगारी पर मोदी सरकार को घेरा
शिवसेना ने आर्थिक मंदी और बेरोजगारी पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि 5 सालों में 10 करोड़ नौकरियां पैदा करने में असफल रहने पर कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू या इंदिरा गांधी को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है 'जीडीपी में गिरावट मोदी सरकार के लिए चिंता का विषय है। केवल विज्ञापन देने से नौकरियां नहीं मिलेंगी।'
सामना के जरिए एक बार फिर मोदी सरकार को घेरा
सामना में छपे लेख में आगे लिखा गया है,'बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में किसी को रोजगार नहीं मिल रहा है, कौशल विकास योजना की स्थिति अच्छी नहीं है। इसके परिणामों को लगातार रिव्यू किया जाना चाहिए।' बता दें कि मोदी सरकार-2 के कार्यकाल में शिवसेना ने पहली बार इस तरह से सहयोगी दल पर निशाना साधा है। इस सरकार में शिवसेना के एक सांसद अरविंद सावंत को कैबिनेट में शामिल किया गया है। शिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया है कि नितिन गडकरी कहते हैं कि बेरोजगारी केवल 5 साल से नहीं, बल्कि दशकों से मुद्दा रही है, लेकिन फिर हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा क्यों किया था।
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दूसरे कार्यकाल में पहली बार शिवसेना ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
शिवसेना ने कहा कि सरकार को वादे के मुताबिक 5 साल में 10 करोड़ रोजगार देना चाहिए था। हर समस्या के लिए आप इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। इस लेख में आगे लिखा गया है, 'चुनाव से पहले ऐसी बातें कही गईं कि 300 अमेरिकी कंपनियां चीन का बाजार छोड़ भारत आएंगी लेकिन अमेरिका अलग ही दबाव बना रहा है। बता दें कि पिछले कार्यकाल में भी सामना में छपे लेखों के जरिए शिवसेना ने मोदी सरकार को घेरा था। जबकि दूसरे कार्यकाल में भी शिवसेना ने सरकार पर हमला शुरू कर दिया है।