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शिवसेना ने गडकरी को घेरा, कहा- यूपी, बिहार में मजदूरों को नौकरियां दिलवाए तो मुंबई, पुणे में जनसंख्‍या कम हो जाएगी

शिवसेना ने गडकरी को घेरा, कहा- यूपी, बिहार में मजदूरों को नौकरियां दिलवाए तो मुंबई, पुणे में जनसंख्‍या कम हो जाएगी

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मुंबई। शिवसेना ने केन्‍द्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मुंबई और पुणे में आबादी बढ़ने को लेकर जतायी गई चिंता जताने पर पलटवार किया। शिवसेना ने कहा कि सवाल उठाया कि अगर उत्तर प्रदेश और बिहार में मजदूरों को काम मिलता तो वो मुंबई नहीं आते। उन्‍होंने ये भी कि कहा कि वर्तमान हालात से बाहर निकलने के लिए सिर्फ नितिन गडकरी ही रास्‍ता सुझा सकते हैं।

यूपी, बिहार की आबादी कम हो जाए तो मुंबई जल्द बन जाएगा स्‍मार्ट शहर

यूपी, बिहार की आबादी कम हो जाए तो मुंबई जल्द बन जाएगा स्‍मार्ट शहर

मुंबई ने राष्ट्रीय खजाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन कोविद -19 के खिलाफ लड़ाई में उसे "केंद्र से वित्तीय सहायता का उचित हिस्सा नहीं मिला है"।शिवसेना केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की टिप्पणी पर मुंबई को नीचा दिखाने की जरूरत पर कहा कि अगर भारत की वित्तीय राजधानी में उत्तर प्रदेश और बिहार की आबादी कम हो जाती है तो स्मार्ट शहर बन जाएंगे।शिवसेना ने कहा कि जब मुंबई और पुणे जैसे स्मार्ट शहर यूपी और बिहार में बनते तो श्रमिकों को काम मिलता, और यहां आबादी कम होती। अगर केंद्र सरकार यूपी, बिहार, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों पर ध्यान देती है तो मुंबई और पुणे में आबादी कम होती। यहां की सरकार विकास कार्यों का प्रबंधन करेगी। केंद्र सरकार को दूसरे राज्यों को रोजगार और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर गौर करना चाहिए।

1.50 लाख प्रवासी मजदूर फिर से महाराष्‍ट्र लौट आए

1.50 लाख प्रवासी मजदूर फिर से महाराष्‍ट्र लौट आए

उन्‍होंने कहा कि, "करीब 1.50 लाख प्रवासी मजदूर तालाबंदी की अवधि के दौरान फिर से महाराष्ट्र लौट आए हैं। उनके पास अपने मूल राज्यों में कोई काम नहीं है। इसके पीछे कारण यह है कि विकास उन राज्यों तक नहीं पहुंचा है।" शिवसेना ने ये भी आरोप लगाया कि अभी यूपी, बिहार के सीएम कह रहे थे कि श्रमिकों को वापस बुलाने के लिए अनुमति लेनी होगी, और जो प्रवासी मजदूर लौट आए हैं उन्हें उनके ही राज्य में काम दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और प्रवासी अब मुंबई और पुणे लौट रहे हैं।

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कोरोना के भय में भी रोजी-रोटी के लिए लौट रहे मजदूर

कोरोना के भय में भी रोजी-रोटी के लिए लौट रहे मजदूर

शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में सोमवार को लिखा कि कोरोना संकट के बावजूद श्रमिक मुंबई और पुणे लौट रहे हैं। इसकी वजह है भूख। यही कारण है कि मुंबई में फिर से आबादी बढ़ रही है। शिवसेना ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान मुंबई से लगभग 7-8 लाख प्रवासी अपने मूल राज्यों यूपी, बिहार, बंगाल, ओडिशा आदि के लिए चले गए थे। इसकी वहज से कुछ समय के लिए इन शहरों में जनसंख्या कम हो गई थी। संपादकीय में ये भी दावा किया गया है कि करीब 1.50 लाख प्रवासी मजदूर, जो तालाबंदी के दौरान अपने मूल स्थानों पर गए थे, वे महाराष्ट्र लौट आए हैं क्योंकि उनके पास वहां पर काम नहीं है"।

शिवसेना ने केन्‍द्र सरकार से पूछा ये सवाल

शिवसेना ने केन्‍द्र सरकार से पूछा ये सवाल

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना ने कहाृ यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि कोरोनोवायरस खतरे के बीच ये लोग भूख है जो लोग जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और नौकरियों की तलाश में यात्रा कर रहे हैं। शिवसेना ने पूछा केंद्र सरकार ने जून 2015 में 'स्मार्ट सिटी' मिशन शुरू किया था, लेकिन वास्तव में इतने वर्षों में इसका कितना फायदा हुआ है? "

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English summary
Shiv Sena besieges Gadkari, said - If the laborers get jobs in UP, Bihar, then the population will decrease in Mumbai and Pune
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