क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मोदी सरकार पर शिवसेना का कड़ा वार, 'सामना' में लिखा- 'देशद्रोह के ठेकेदारों को लगी फटकार'

Google Oneindia News

मुंबई। एक बार फिर से शिवसेना ने अपनी पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में मोदी सरकार पर तीखा वार किया है। उसने इस बार 'देशद्रोह' के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उसने कहा है कि पिछले 4-5 सालों से देश में एक अलग ही हवा चल रही है। यहां 'देशभक्ति' और 'देशद्रोह' की नई परिभाषा गढ़ दी गई है, यहां 'देशद्रोह की धारा' जैसे शब्द राजनीतिक हथियार की तरह प्रयोग होने लगे हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कथन के बाद क्या अब सरकार 'देशद्रोह की धारा' का ठेका लेना और अपनी मनमानी करनी छोड़ेगी?, मालूम हो कि शिवसेना ने ये वार सुप्रीम कोर्ट की ओर से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला केस पर की गई टिप्पणी के बाद किया है।

देशद्रोह के ठेकेदारों को लगी फटकार: सामना

दरअसल एक दिन पहले ही देश की सर्वोच्च अदालत ने फारूक अब्दुल्ला के मामले में कहा कि सरकार की राय से अलग बोलना 'देशद्रोह' नहीं होता है, जबकि इसी तरह की टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट से पहले दिल्ली की एक कोर्ट ने भी की थी, उसने साफ तौर पर कहा था कि असंतुष्टों का मुंह बंद करने के लिए उन पर 'देशद्रोह' का आरोप लगाना बिल्कुल भी सही नहीं है।

तानाशाही 'दबाव तंत्र' का खेल जारी

शिवसेना ने मुखपत्र में लिखा है कि देश में एक तरफ लोकतंत्र की 'आवाज' और दूसरी तरफ तानाशाही 'दबाव तंत्र' का खेल जारी है, लेकिन अब सु्प्रीम कोर्ट ने भी सरकार के कान छेद दिए हैं, देशद्रोह के ठेकेदारों को फटकार लगाई गई है। इस वक्त देश में स्थिति ये हैं कि अगर आप केंद्र सरकार के समर्थक है तो आप 'देशप्रेमी' कहलाते हैं और अगर विरोधी हैं तो बड़े आराम से और बिना किसी झिझक के आपको 'देशद्रोही' करार दे दिया जाता है लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की 'देशद्रोही' साबित करने की बेलगाम हरकतों पर उंगली उठाई है तो क्या अब सरकार अपने रवैये में सुधार करेगी।

'जिसकी लाठी उसकी मनमानी'

शिवसेना ने लिखा है कि राजनीति में ये तो सुना गया है कि 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' लेकिन ऐसा पहली बार देखा और सुना जा रहा है कि 'जिसकी लाठी उसकी मनमानी', पिछले 10 सालों में जितने 'देशद्रोह' के केस दर्ज हुए हैं, उसका 60 प्रतिशत भी साल 20214 में नहीं था। मोदी सरकार और 'देशद्रोह की धारा' का कितना अच्छा रिलेशन है, ये तो आंकड़े ही बता रहे हैं।

देशद्रोह के ठेकेदारों को लगी फटकार: सामना

क्या था मामला

दरअसल जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का विरोध राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने किया था,जिसके बाद उनके बयान को देश विरोधी बताकर उनके खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके बयान को देश के विकास का रोड़ा बताते हुए उन पर पाकिस्तान और चीन से मदद लेने का आरोप लगा था। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था सरकार के फैसले के खिलाफ बोलना 'देशविरोधी' या 'देशद्रोह' नहीं है।

यह पढ़ें: शिवसेना नेता उर्मिला का तंज- 'पेट्रोल-डीजल और LPG से सीखे इंग्लैंड टीम स्ट्राइक रेट बढ़ाना'

Comments
English summary
Shiv Sena's saamana editorial on supreme court decision on farooq abdullah, says Modi govt is doing arbitrary and talking about sedition.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X