धारा 370 हटने पर शिवसेना ने कहा- आज कश्मीर लिया है, कल बलूचिस्तान और पीओके लेंगे
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के आर्टिकल 370 को लेकर मोदी सरकार ने अपना इरादा साफ कर दिया है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कश्मीर में कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने का प्रस्ताव लेकर आए। मोदी सरकार के इस प्रस्ताव का विपक्षी पार्टियों ने जमकर विरोध किया। वहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी खासकर शिवसेना ने सरकार के इस कदम के समर्थन का ऐलान किया।
मोदी सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर लिया है, कल बलूचिस्तान, पीओके लेंगे। मुझे विश्वास है कि देश के पीएम अखंड हिन्दुस्तान का सपना पूरा करेंगे। बता दें कि 370 को खत्म करने के प्रस्ताव के साथ ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्ज देने का ऐलान किया। इसके अलावा लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें। सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा 'कश्मीर में लोकतंत्र खतरे में है। कश्मीर की शांति खतरे में है। ये लोकतंत्र की हत्या है। एक साजिश केन्द्र सरकार कर रही है। कश्मीर में पर्यटन के सबसे उपयुक्त समय पर पर्यटकों को वापस बुला रही है सरकार।'
Satish Chandra Mishra, BSP MP, in Rajya Sabha: Our party gives complete support. We want that the Bill be passed. Our party is not expressing any opposition to Article 370 Bill & the other Bill. pic.twitter.com/ajRNKwsUlf
— ANI (@ANI) August 5, 2019
बीएसपी
ने
प्रस्ताव
का
किया
समर्थन
मोदी
सरकार
के
आर्टिकल
370
को
खत्म
करने
के
प्रस्ताव
का
कई
विपक्षी
पार्टियों
ने
विरोध
भी
किया
है,
राज्यसभा
में
जब
प्रस्ताव
पेश
किया
जा
रहा
था
तब
भारी
हंगामा
देखने
को
मिला
है।
लेकिन
इस
दौरान
कुछ
पार्टियां
ऐसी
भी
हैं
जिन्होंने
सरकार
के
इस
प्रस्ताव
का
समर्थन
करने
का
ऐलान
किया
है।
बसपा
सांसद
सतीश
चंद्र
मिश्रा
ने
राज्यसभा
में
कहा
कि
हमारी
पार्टी
इस
प्रस्ताव
का
पूरा
समर्थन
करती
है।
हम
चाहते
हैं
कि
विधेयक
पारित
हो।
हमारी
पार्टी
आर्टिकल
370
और
अन्य
विधेयक
का
कोई
विरोध
नहीं
करेगी।
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