कर्नाटक: शिवसेना ने बीजेपी पर बोला हमला, बोली- तोड़फोड़ की राजनीति पर हो राष्ट्रीय नीति
मुंबई: कर्नाटक के सियासी संकट पर शिवसेना ने सोमवार को अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा। सोमवार को सामना के संपादकीय में शिवसेना ने बीजेपी से पूछा कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर उसका अलग-अलग रुख क्यों है। शिवसेना ने तोड़फोड़ की राजनीति पर सुझाव दिया कि विधायकों द्वारा अवैध सरकारों के गठन पर राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए।
बीजेपी के रुख पर शिवसेना ने उठाया सवाल
सामना ने अपने संपादकीय में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के कुछ विधायक हमारे संपर्क में हैं लेकिन हम तोड़फोड़ करके सरकार नहीं बनाएंगे। लेकिन कर्नाटक और मध्य प्रदेश में बीजेपी का अलग-अलग रुख क्यों है। सामना में आगे कहा गया कि विधायकों द्वारा अवैध रूप से सरकारें बनाने पर राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए।
'कुमारस्वामी की सरकार गिरना तय था'
शिवसेना ने सामना में आगे लिखा कि कर्नाटक में सरकार गठन होने के बाद ही उसके गिरने की भविष्यवाणी की गई थी। ये स्पष्ट है कि कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार गिर जाएगी। कर्नाटक में इस समय जो राजनीतिक संकट है उसके लिए सिर्फ बीजेपी की महत्वाकांक्षा ही नहीं बल्कि कांग्रेस के आपसी मतभेद भी जिम्मेदार है। शनिवार को कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार पर संकट आ गया है। 224 सदस्यीय बीजेपी विधानसभा में बीजेपी के 105 विधायक है और वो अन्य विधायकों के बागी होने का इंतजार कर रही है।
सिद्धारमैया को बताया जिम्मेदार
शिवसेना ने सामना में आगे लिखा कि कर्नाटक सरकार के पास बहुमत था और वह ठीक से सरकार चला सकती थी। लेकिन कांग्रेस के सिद्धारमैया सरकार चलाना चाहते थे। वो कुमारस्वामी के जेडीएस के समर्थन से एक बार फिर से राज्य का सीएम बनना चाहते थे। सामना में आगे हैदराबाद में अमित शाह का बयान का हवाला देते हुए लिखा गया कि जिसमें उन्होंने कहा था कि केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बीजेपी की सरकारें होंगी। इसमें कर्नाटक को भी जोड़ना चाहिए क्योंकि चीजें योजना के मुताबिक हो रही हैं।
एमपी और राजस्थान को लेकर चेताया
सामना में आगे लिखा गया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकारें संकट में हैं। उनके पास बड़ा बहुमत नहीं है। इसलि इन राज्यों में भी कर्नाटक जैसी स्थिति होगी। शिवसेना ने बीजेपी को ये भी सलाह दी कि हालांकि पार्टी को लोकसभा चुनावों में भारी जीत मिली है, लेकिन इसे ऐसे नहीं लेना चाहिए कि विपक्षी दलों की सरकारें देश में लंबे समय तक नहीं चलेगी और बीजेपी देश पर शासन करेगी। उस दिशा में कदम जा रहे हैं। कर्नाटक की घटना ये ही कह रही है।
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