जया बच्चन से खुश शिवसेना, सामना में लिखा--'जब तांडव पर पांडव चुप तो नेत्री ने कड़कड़ाई बिजली'
नई दिल्ली। बॉलीवुड के ड्र्ग्स कनेक्शन का मामला अब संसद पहुंच चुका है, सोमवार को भाजपा सांसद रवि किशन ने इस मसले को लोकसभा में उठाया था, जिस पर मंगलवार को राज्यसभा में सांसद जया बच्चन ने पलटवार किया, उन्होंने कहा कि 'जिन लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री से नाम कमाया, वे इसे गटर बता रहे हैं मैं इससे बिल्कुल सहमत नहीं हूं, ये वो लोग हैं जो जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं।' जिसके बाद जया बच्चन के बयान पर घमासान मच गया।
सांसद जया बच्चन की तारीफ में सामना में संपादकीय
कुछ लोग जया बच्चन के साथ नजर आए तो कुछ लोग रवि किशन और कंगना का सपोर्ट करते दिखे, दरअसल कंगना ने ही कहा था कि अगर नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो बॉलीवुड की जांच करता है तो पहलीं पंक्ति के कई सितारे सलाखों के पीछे होंगे। अगर ब्लड टेस्ट हुए तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आ जाएंगी। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जी स्वच्छ भारत मिशन के तहत बॉलीवुड जैसे गटर को साफ करेंगे, जिसके बाद मानसून सत्र में सांसद रवि किशन ने ये मसला संसद में उठाया था।
बाकी और सच बोलने के लिए प्रसिद्ध हैं जया बच्चन: सामना
फिलहाल जया बच्चन के इस बयान के बाद शिवसेना ने नेत्री की तारीफ करते हुए कहा कि कहा है कि वह अपने बेबाकी और सच बोलने के लिए प्रसिद्ध हैं। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में शिवसेना ने लिखा है कि भारत का सिनेजगत पवित्र गंगा की तरह निर्मल है,जिस तरह से ऐसा दावा कोई नहीं कर सकता, वैसे ही टीनपाट कलाकारों का द्वारा किया गया ये दावा कि सिनेजगत गटर है, को भी पूरी तरह से सही नहीं कहा जा सकता है। जया बच्चन ने संसद में इसी पीड़ा को व्यक्त किया है, जया जी के ये विचार जितने महत्वपूर्ण हैं, उतने ही बेबाक भी हैं, जया बच्चन सच बोलने और अपनी बेबाकी के लिए मशहूर हैं।
'जया ने राजनीतिक विचारों को कभी छुपाकर नहीं रखा'
जया बच्चन ने हमेशा अपने राजनीतिक और सामाजिक विचारों को कभी छुपाकर नहीं रखा। महिलाओं पर अत्याचार के संदर्भ में उन्होंने संसद में बहुत भावुक होकर आवाज उठाई थी, अब ऐसे वक्त में जब सिनेजगत की बदनामी और धुलाई शुरू है, तांडव करने वाले अच्छे-खासे पांडव भी जुबान बंद किए बैठे हुए हैं, मानो वे किसी अज्ञात आतंकवाद के साए में जी रहे हैं और कोई उन्हें उनके व्यवहार और बोलने के लिए पर्दे के पीछे से नियंत्रित कर रहा है। ऐसे में जया बच्चन की बिजली कड़कड़ाई है, उन्होंने इस पीड़ा को समझा है।
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'बकवास करनेवालों का मुंह पहले सूंघना चाहिए'
इस वक्त लाइट, कैमरा और एक्शन बंद है, ऐसे में ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाकर बॉलीवुड को बदनाम किया जा रहा है, सिनेजगत के छोटे-बड़े हर कलाकार मानो ड्रग्स के जाल में अटके हुए हैं, 24 घंटे वे गांजा और चिलम पीते हुए दिन बिता रहे हैं, ऐसा बयान देने वालों की 'डोपिंग टेस्ट होनी चाहिए।
'ये सारे लोग सिर्फ गटर में लेटते थे और ड्रग्स लेते थे'
अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, जीतेंद्र, देव आनंद, पूरा कपूर खानदान, वैजयंती माला से लेकर हेमा मालिनी और माधुरी दीक्षित से लेकर ऐश्वर्या राय तक, एक से एक बढ़िया कलाकारों ने यहां योगदान दिया है। आमिर, शाहरुख और सलमान जैसे खान लोगों की भी मदद हुई ही है। ये सारे लोग सिर्फ गटर में लेटते थे और ड्रग्स लेते थे, ऐसा दावा कोई कर रहा होगा तो ऐसी बकवास करने वालों का मुंह पहले सूंघना चाहिए।
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