दिल्ली में भाजपा की हिंदू-मुसलमान की राजनीति पर अकेले भारी पड़े अरविंद केजरीवाल: शिवसेना
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ एक दिन का समय बचा है, 8 फरवरी को दिल्ली के लोग नई सरकार चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान से एक दिन पहले शिवसेना ने आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ की है। शिवसेना ने केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में किए गए काम की तारीफ की है और भारतीय जनता पार्टी पर धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण करके वोट हासिल करने की राजनीति की आलोचना की है।
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मोदी-शाह पर बोला हमला
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे लेख में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने महाराष्ट्र और झारखंड में हार के बाद दिल्ली में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। अगर ये लोग दिल्ली जीतना चाहते हैं तो उसमे कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन 200 भाजपा सांसद, भाजपा के मुख्यमंत्री और पूरा मोदी कैबिनेट प्रचार में लगा, लेकिन ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल इन सबपर भारी पड़े हैं। केजरीवाल पांच साल के काम के आधार पर लोगों से वोट मांग रहे हैं। यह देश की राजनीति में नए तरह का प्रयोग है। दलगत राजनीति से इतर इसका स्वागत करना चाहिए।
केजरीवाल सरकार की तारीफ
सामना में लिखा गया है कि दिल्ली मतदाता बुद्धिमान हैं। दिल्ली में केजरीवाल के काम की तारीफ करते हुए सामना में कहा गया है कि आप सरकार के कामकाज में केद्र सरकार ने बाधा उत्पन्न की। बावजूद इसके कि आप के पास सीमित अधिकार थे, केंद्र सरकार की ओर से उनके काम में बाधा पैदा की गई। शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में केजरीवाल सरकार का काम आदर्श है। यही नहीं शिवसेना की ओर से कहा गया है कि भाजपा सूखे तालाब में कमल खिलाने की कोशिश कर रही है। मोदी सरकार को केजरीवाल के मॉडल को अन्य प्रदेश में इस्तेमाल करना चाहिए।
अच्छे काम की तारीफ नेता का फर्ज
भाजपा ने जिस तरह से दिल्ली में प्रचार किया उसका उद्देश्य केजरीवाल को झूठा साबित करना था। अगर राज्य बेहतर काम कर रहा है तो इसकी तारीफ करना नेता का फर्ज होता है। लेकिन दिल्ली में अब बड़ा दिल नहीं बचा है। केजरीवाल के प्रति भाजपा की इतनी नफरत है कि उन्हें केजरीवाल का हनुमान मंदिर जाना और हनुमान चालीसा पढ़ना भी अच्छा नहीं लगता है।
क्या 2014 में 70 फीसदी लोगों ने आतंकवादी को वोट दिया
जिस तरह से भाजपा के नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहा था उसपर पलटवार करते हुए सामना में पूछा कि अगर ऐसा है तो केंद्र सरकार ने केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। अगर वह आतंकवादी हैं तो केंद्र किस बात का इंतजार कर रही है। उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए थी। क्या भाजपा यह कहना चाहती है किक 70 फीसदी दिल्ली के वोटरों ने 2014 में आतंकवादी को वोट दिया था। पीएम मोदी ने दिल्ली के वोटर्स से अपील की है कि जिन लोगों ने सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा था उन्हें अपने वोट से सजा दीजिए, क्या इसका मतलब यह है कि अगर लोगों ने पीएम मोदी की बात नहीं मानी तो वह देशद्रोही हैं और वह सरकार को बर्खास्त करें देंगे। बता दें कि दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होना है, जबकि 11 फरवरी को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।
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