शिवसेना और अकाली दल के बिना एनडीए का कोई मतलब नहीं: संजय राउत
नई दिल्ली। शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना और अकाली दल के बाहर हो जाने के बाद एनडीए का कोई मतलब नहीं रह गया है। राउत ने कहा कि शिवसेना और अकाली एनडीए की पहचान रहे हैं। अगर एनडीए गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं हैं, तो मैं एनडीए नहीं मानता हूं।
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शिवसेना NDA से मजबूरी में निकली
संजय राउत ने रविवार को कहा, शिवसेना और अकाली दाल एनडीए के मजबूत स्तंभ थे। पहले शिवसेना को मजबूरन एनडीए से बाहर निकलना पड़ा और अब अकाली दल भी एनडीए से बाहर आ गया है। ऐसे में जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं शामिल है, मैं उसको एनडीए नहीं मानता।
शनिवार को अकाली दल ने किया एनडीए छोड़ने का ऐलान
शिरोमणि अकाली दल ने शनिवार देर रात पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में करीब तीन घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद एनडीए से 24 वर्ष पुराना गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया। शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि किसानों के खिलाफ केंद्र सरकार के विधेयकों पर उन्होंने ये फैसला लिया है। बादल ने केंद्र सरकार के किसान और पंजाब के प्रति असंवेदनशील होने की बात कही है।
लंबे समय तक एनडीए के साथ रहे शिवसेना और अकाली दल
शिवसेना महाराष्ट्र में और अकाली दल पंजाब में भाजपा के सबसे पुराने और विश्वसनीय साथियों में गिने जाते थे। दोनों पार्टियों के साथ भाजपा का गठबंधन दो दशक से ज्यादा समय तक चला। शिवसेना बीते साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा से अलग हो गई थी। सीएम पद को लेकर अनबन के बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाई है। वहीं पंजाब में 1996 से साथ लड़ रहे भाजपा और अकाली में तनाव कृषि बिलों को लेकर आया है। हाल में आए इन बिलों का पंजाब और हरियाणा के किसान बहुत तीखा विरोध कर रहे हैं। ऐसे में अकाली दल पहले मंत्रिमंडल से बाहर हुआ और अब उसने एनडीए भी छोड़ दिया।