शिवसेना सांसद ने किया आयुर्वेदिक मुर्गी और अंडा होने का दावा, बोले- आयुष मंत्रालय करें प्रमाणित
नई दिल्ली: शिवसेना सांसद संजय राउत ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि आयुर्वेदिक मुर्गी और आयुर्वेदिक अंडा होता है, क्या आपको पता है। उनके इस बयान से सदस्य हैरा हो गए। उन्होंने कहा कि मुर्गी और अंडा शाकाहारी भोजन हैं! आयुष मंत्रालय की ये जिम्मेदारी है कि वो ये प्रमाणित करे। उन्होंने इस बार में विस्तार से अपनी बात रखी और आयुष मंत्रालय का बजट बढ़ाने की जरूरत जताई।
अंडे को शाकाहारी कैटेगरी में रखा जाए
शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को सदन में मांग की कि मुर्गे और अंडे को वेजिटेरियन की श्रेणी में रखा जाए। उच्च सदन में आयुर्वेद पर हुई चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय यह तय करे कि मुर्गा शाकाहारी है या मांसाहारी। राउत ने सपा के सासंद राम गोपाल यादव के कथन का हवाला देते हुए कहा कि हनुमान जी पर्वत लेकर आए और लक्ष्मण जी को संजीवनी मिली। आयुर्वेद वहां से शुरू हुआ और कहां पहुंच गया है।
महाराष्ट्र का दिया उदाहरण
शिवसेना सांसद ने अपने तर्क के पक्ष में उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे महाराष्ट्र में नन्दूरबार एक आदिवासी जिला है। मैं वहां गया था। जब काम खत्म हो गया, तो आदिवासी लोग हमारे पास खाना लेकर आए। मैंने उनसे पूछा कि यह क्या है? वे बोले यह मुर्गी है। मैंने उनसे कहा मैं मुर्गी नहीं खाऊंगा, उन्होंने कहा कि साहब यह आयुर्वेदिक मुर्गी है। आदिवासी ने कहा कि यह एक ऐसी मुर्गी है, जिसका हम इस तरह से पालन-पोषण करते हैं, कि आपके शरीर के सब रोग बाहर निकल जाएंगे। यह आयुष मंत्रालय के लिए रिसर्च का विषय है।
'आयुष मंत्रालय करें रिसर्च'
संजय राउत ने कहा कि कुछ दिन पहले हरियाणा की चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से कुछ लोग मेरे पास आए। उन्होंने बताया कि वे आयुर्वेदिक अंडे पर रिसर्च कर रहे हैं। मैंने जब पूछा कि यह आयुर्वेदिक अंडा क्या है? तो उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में जो पोल्ट्री फार्म बनाया गया है, उसमें मुर्गी को सिर्फ आयुर्वेदिक भोजन खिलाया जाता है। उससे जो अंडा पैदा होता है, वह पूरी तरह से शाकाहारी होता है। वह आयुर्वेदिक अंडा है, जिन्हें प्रोटीन की जरूरत है, और जो मांसाहार नहीं करना चाहते, वे भी इसे खा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये आयुष मंत्रालय की जिम्मेदारी है कि वो ये प्रमाणित करे कि अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी।
बजट बढ़ाने की मांग
संजय राउत ने आगे कहा कि आयुष मंत्रालय का बजट बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी जी हमारे आयुर्वेद और योग के सबसे बड़े एम्बेसडर बन चुके हैं। पूरे विश्व में योग है और आयुर्वेद है। ऐसे में आयुष मंत्रालय का बजट 1500 करोड़ रुपये के बजाय कम से कम 10 हजार करोड़ रुपये होना चाहिए। आयुर्वेद के पक्ष में बोलते हुए जब सब दरवाज़े बंद हो जाते हैं और ऐलोपैथी वाला कहता है कि अब हमसे कुछ नहीं होगा. तब हम आयुर्वेद का दरवाजा खटखटाते हैं।
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