राफेल विवाद: शिवसेना बोली-सरकार अगर साफ है तो JPC से कैसा डर
नई दिल्ली। राफेल डील पर बुधवार सुबह कांग्रेस द्वारा जारी ऑडियो टेप पर संसद में भारी हंगामा हुआ। शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की। राफेल मुद्दे पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी रही शिवसेना ने भी सरकार पर हमला बोला। सदन में शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि, कैसा ऑफसेट कॉन्टेक्टर था जिसकी कंपनी तक नहीं बनी थी। सिर्फ कागजों पर थी। जबकि एचएएल के पास सब था। हमारी सरकार अगर साफ है तो हम क्यों डरते हैं जेपीसी से।
सावंत ने सरकार से पूछा कि, अगर यूरो फाइटर की कीमत कम थी तो उसके साथ दोबारा मोलभाव क्यों नहीं किया गया। सबसे बड़ी वेदना की बात यह है कि 2001 से बात चल रही है और ना सुखोई आया, ना राफेल आया। अब जो डील हुई उसे भी पूरी तरह आने में अभी काफी समय लगेगा। सावंत ने कहा कि हमने नहीं कहा कि राफेल गलत है। जैसे बोफोर्स को लोग कहते हैं कि बोफोर्स सही था, डील गलत थी। वैसा ही राफेल के लिए लोग कहते हैं कि राफेल सही है, डील गलत है।
सावंत ने कहा कि कैसा ऑफसेट कॉन्टेक्टर था जिसकी कंपनी तक नहीं बनी थी। सिर्फ कागजों पर थी। जबकि एचएएल के पास सब था। हमारी सरकार अगर सही है तो जेपीसी की जांच से कैसा डर, जेपीसी ले लीजिये।
वहीं राफेल के मुद्दे पर लोकसभा में पश्चिम बंगाल के सीपीआई-एम सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि, राफेल डील पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गलत जानकारी दी है। प्रधानमंत्री का हर मामले में दखल दिख रहा है, इसलिए उन्हें यह झेलना पड़ेगा। सलीम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार रिलायंस के लिए काम कर रही है।
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