शिवसेना को RSS प्रमुख मोहन भागवत का हिंदुत्व पसंद है BJP का नहीं, जानिए क्यों
नई दिल्ली- शिवसेना ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत की हिंदुत्व पर की गई टिप्पणी की जमकर तारीफ की है और उसे व्यापक और समावेशी बताया है। शिवसेना का दावा है कि संघ प्रमुख की टिप्पणी उनको मुंहतोड़ जवाब है जो समझते हैं कि जो भाजपा के साथ नहीं हैं, वह हिंदू नहीं हैं। दरअसल, शिवसेना इस बात से ज्यादा गदगद नजर आ रही है कि मोहन भागवत ने अपने दशहरा संबोधन में महाराष्ट्र में मंदिर खोलने की मांग नहीं उठाई है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी इस मांग को लेकर वहां एक आंदोलन चला रही है, जिससे कई बार शिवसेना बैकफुट पर नजर आती है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में मोहन भागवत के हिंदुत्व और उनकी बातों की तारीफ करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा है। सामना ने संघ प्रमुख को साइंटपिक टेंपर वाला इंसान बताते हुए संपादकीय में लिखा है, 'वो वैक्सीन के विकास पर जोर दे रहे हैं। बीजेपी के जो नेता खुश होकर महामारी के दौरान मंदिरों को खोलने के लिए घंटियां बजा रहे हैं, उन्हें पहले भागवत को सुनना चाहिए।' शिवसेना अपने मुखपत्र के जरिए बीजेपी पर हमला करते हुए कहती है, 'विकृत विचारधारा वाले कुछ ठेकेदारों को लगता है कि हिंदुत्व पर उनका एकाधिकार है और जो बीजेपी के साथ नहीं हैं, वह हिंदू नहीं हैं। आरएसएस प्रमुख ने उनको उनकी जगह दिखा दी है। '
शिवसेना के इस नए वार पर महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा है, 'यह शिवसेना है जिसने हिंदुत्व को छोड़ दिया है और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए उसे किसी भी मुद्दे पर बीजेपी की आलोचना करने की जरूरत पड़ती है।' दरअसल, रविवार को नागपुर में संघ के वार्षिक दशहरा कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा था कि आरएसएस के हिंदू राष्ट्र की अवधारणा राजनीतिक या सत्ता पर केंद्रित नहीं है। उन्होंने कहा था कि हिंदू संस्कृति ने खुद को विभिन्न रूपों में व्यक्त किया है, लेकिन कुछ समूह लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा करके समाज में घृणा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
भागवत के मुताबिक हिंदुत्व शब्द 130 करोड़ भारतीयों के लिए है, क्योंकि यह भारत भूमि की पहचान, आध्यात्मिकता-आधारित परंपराओं की निरंतरता और समस्त मूल्य सम्पदा के साथ अभिव्यक्ति देने वाला शब्द है। जबकि, शिवसेना का आरोप है कि भाजपा का हिंदुत्व सिर्फ गायों के आसपास घूमता है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि 'बीजेपी में हिंदुत्व के समर्थकों ने हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़काए हैं और इसका राजनीतिक फायदा उठाया है। कई भाजपा-शासित राज्यों में गौ हत्या रोजाना होती है, इसलिए बीजेपी की गाय की राजनीति वाला हिंदुत्व आधारहीन है।' यही नहीं शिवसेना का यहां तक आरोप है कि, 'यह हैरान करने वाली बात है कि रेप और हत्या को भी हिंदुत्व के चश्मे से देखा जाता है। हिंदुत्व की परिभाषा कभी इतना संकीर्ण नहीं था, जितना की अभी है।' सामना में महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर सेकुलर तंज वाली चिट्ठी को लेकर भी भड़ास निकाली गई है।
जबकि, बीजेपी का आरोप है कि 11 महीने पुरानी महा विकास अघाड़ी की सरकार राज्य में लगभग हर मोर्चे पर नाकाम रही है। उपाध्याय के मुताबिक राज्य सरकार अभी भी कोविड-19 के मामलों को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही है। राज्य प्रशासन बहुत ही कमजोर है और उन्हें राज्य सरकार से कोई निर्देश मिल नहीं पा रहा है। 'इसलिए सेना लगातार बीजेपी की आलोचना करती रहती है, ताकि ध्यान भटकाया जा सके।'
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