शिवसेना ने सामना में भाजपा पर साधा निशाना, स्पीकर की नियुक्ति भाजपा के लिए तमाचा
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद आखिरकार शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की सरकार का गठन हो गया है। सरकार के गठन के साथ ही विधानसभा स्पीकर का भी चयन निर्विरोध हो गया है। हालांकि भाजपा ने अपनी ओर से स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार उतारा था, लेकिन बाद में पार्टी ने अपना उम्मीदवार वापस ले लिया, जिसके बाद नाना पटोले प्रदेश विधानसभा के स्पीकर बनें। वहीं स्पीकर के चयन के बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में भाजपा पर तीखा हमला बोला है।
भाजपा को बड़ा तमाचा
सामना में छपे लेख में शिवसेना ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला बोला है और लिखा कि महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ है वह भाजपा के कर्मों का फल है। सामना में लिखा गया है कि विधानसभा स्पीकर पद पर नाना पटोले की नियुक्ति भाजपा के लिए सबसे बड़ा तमाचा है। जिस तरह से मोदी विरोध में बगावत करने के बाद नाना पटोले ने सांसद के पद से इस्तीफा दिया उसके बाद वह उन्होंने क्रांतिकारी के रूप में अपना नाम कर्ज कराया है।
विपक्ष को अपनी प्रतिष्ठा बचाए रखना चाहिए
भाजपा और पीएम मोदी पर तंज कसते हुए सामना में लिखा गया है कि पटोले का कहना है कि मोदी किसी को बोलने नहीं देते हैं, लेकिन फडणवीस को सदन में बोलने दिया जाए या नहीं अब यह नाना पटोले तय करेंगे। यही नहीं बतौर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने जो गलतियां की हैं वह किसी भी विरोधी पक्ष के नेता को नहीं करनी चाहिए। हम चाहते हैं कि विपक्ष के नेता की पद, शान और प्रतिष्ठा बरकरार रहे। लेकिन विपक्ष के नेता को खुद अपनी प्रतिष्ठा को बचाए रखना होगा। हम संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करते हैं आपको भी इसका सम्मान करना चाहिए।
आंख और दिमाग में घुसा 170 का आंकड़ा
सामना ने अपने संपादकीय में लिखा है कि विधानसभा में 170 की संख्या को देखकर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में विपक्ष भाग खड़ा हुआ। यही नहीं रविवार को विधानसभा स्पीकर के पद पर नाना पटोले का निर्विरोध चयन हुआ। यह इसलिए हुआ क्योंकि भाजपावालों की आंख और दिमाग में 170 का आंकड़ा घुस गया। यही वजह है कि उन्हें विधानसभा स्पीकर के चुनाव से पीछे हटना पड़ा। अब अगले पांच वर्षों तक भाजपा को पीछे हटने की आदत डालनी होगी।
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