बनारस और अयोध्या पहुंचकर बीजेपी को ललकारेंगे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे
नई दिल्ली। भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना और उसके बीच मतभेद अपने चरम पर है। हाल ही में मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में तटस्थ भूमिका निभाने वाली शिवसेना एक बार फिर से बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है। मराठा आंदोलन, महिला सुरक्षा, गोरक्षा के बाद अब शिवसेना ने हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने का फॉर्मूला तैयार किया है। मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे जल्द ही पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और अयोध्या का दौरा करने वाले हैं।
बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनावों में हिंदुत्व के मुद्दे से मात देने की कोशिश
शिवसेना ने इस दौरे के लिए मुंबई में पोस्टर लगवाए हैं और साथ लोगों से उद्धव ठाकरे की इस यात्रा में शामिल होने की अपील की है। शिवसेना बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनावों में हिंदुत्व के मुद्दे से मात देने की कोशिश में हैं। वहीं शिवसेना काफी समय से राम मंदिर के मुद्दे पर लगातार मोदी सरकार को घेर रही है। शिवसेना ने बीजेपी पर आऱोप लगाया कि, वह सत्ता में आने के बाद राम मंदिर को बनवाने का अपना वादा भूल गई है।
दोनों ही पार्टियां हिंदुत्व की विचार धारा वाली पार्टी हैं
कुछ दिन पहले उद्वव ठाकरे ने अपने बयान में कहा था कि, पिछले 25 सालों से शिवसेना और बीजेपी एक दूसरे की सहयोगी रही हैं। दोनों ही पार्टियां हिंदुत्व की विचार धारा वाली पार्टी हैं। हिंदुओं के दर्जे, राष्ट्रीय हित और देश की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर एक जैसी सोच रखती हैं। भाजपा को एक झटका देते हुए शिवसेना ने कहा कि बीजेपी को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि राष्ट्रवादी कौन है और कौन नहीं है?
मंदिर में जाकर घंटियां बजाना हिंदुत्व नहीं
ठाकरे ने कहा कि, लेकिन हिंदुत्व क्या है? मैं अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे से अक्सर पूछा करता था। उनका जवाब होता था कि राष्ट्रीयता ही हमारा हिंदुत्व है। हम नहीं चाहते कि हिंदू केवल मंदिर में जाकर घंटियां बजाएं, चोटी रखें और जनेऊ धारण करें। बालासाहेब के हिंदुत्व के विचारों को अब प्रचारित और लागू किया जाना चाहिए।