पहली क्लास के बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने से खफा हुई शिवसेना
मुंबई। शिवसेना ने कक्षा 1 से लेकर 5 तक के पाठ्यक्रम में सेक्स एजुकेशन को शामिल किए जाने के चलते राज्य के शिक्षामंत्री विनोद तावड़े की आलोचना की है। एक प्रेस विज्ञप्ति में, शिवसेना के कालीवाड़ी इकाई के अध्यक्ष युवराज दाखले ने कहा कि बच्चों को एक्स्ट्रा करिकुलर रीडिंग एक्टिविटीज के नाम पर आपत्तिजनक शब्द पढ़ने के लिए दिए गए हैं। इससे पहले बुधवार को विपक्ष के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताते हुए राज्य के शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने कहा था कि छात्रों को स्कूलों में पुस्तक वाचन उपक्रम के तहत दी जाने वाली किताब में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। छात्रों के लिए जिस 'बाल नचिकेता' और 'भगवान वेदव्यास' पुस्तक का वितरण किया जाना है, उनमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।
युवराज दाखले ने कहा कि, 'मंत्रालय कक्षा एक के छोटे बच्चों को एक्स्ट्रा करिकुलर रीडिंग एक्टिविटीज सेक्स एजुकेशन देने की कोशिश कर रही है। दाखले ने कहा कि तावड़े के मंत्रालय ने नई पीढ़ी को उचित रास्ता दिखाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया है। नेता ने मांग की कि किताब बाल नचिकेत को तुरंत वापस लिया जाए। अगर वह ऐसा करने में असफल रहते है तो पार्टी एक आंदोलन का शुरू करेगी।
आपको बता दें कि देवेंद्र फड़नवीस की सरकार पहली से पांचवीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों के छात्रों के पाठ्यक्रम में नई किताब जोड़ने जा रही है। इसका नाम 'बाल नचिकेत' रखा गया है। इस किताब के जरिये छात्रों को 'वर्जिनिटी' के बारे में भी बताया जाएगा। महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने रज्य सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में इसको लेकर महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री पर तीखी टिप्पणी की गई है।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में इसको लेकर महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री पर तीखी टिप्पणी की गई है। पत्र में लिखा गया है कि, 'यह शिक्षा मंत्री की नई उपलब्धि है। छात्र परेशान हैं, शिक्षक हैरान हैं और माता-पिता क्षुब्ध हैं।'