भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने वेंकैया नायडू के फैसले की निंदा की
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की ओर से भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव खारिज करने पर शिवसेना ने टिप्पणी की है। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा है कि दोनों दल गंदी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रस्ताव खारिज किया गया वो भी राजनीतिक है। वो इंतजार कर सकते थे, इतना जल्दी खारिज करने की आवश्यकता नहीं थी।
गौरतलब है कि दीपक मिश्रा के खिलाफ, कांग्रेस की अगुवाई में 7 विपक्षी दलों की ओर से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है। उपराष्ट्रपति की ओर से इस संबंध में 10 पन्ने का एक ऑर्डर जारी किया गया है। नायडू ने आज एक आदेश में कहा कि उन्होंने नोटिस से उत्पन्न सभी पहलुओं पर विस्तृत व्यक्तिगत बातचीत की थी और व्यक्तिगत रूप से और सामूहिक रूप से किए गए प्रत्येक आरोपों पर विचार किया।
उन्होंने कहा कि 'इन सब के आधार पर, मैं इस निष्कर्ष पर आया हूं कि यह महाभियोग प्रस्ताव स्वीकार होने के लायक नहीं है ... सावधानीपूर्वक विश्लेषण पर, मुझे लगता है कि वस्तुतः कोई ठोस वजह नहीं है। हम हमारे शासन के किसी भी स्तंभ को अनुमति नहीं दे सकते कि वो किसी भी विचार, शब्द या कार्रवाई से कमजोर हो जाए।'
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि महाभियोग प्रस्ताव के संवैधानिक प्रक्रिया में 50 सांसदों की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा सभापति प्रस्ताव तय नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास महाभियोग प्रस्ताव तय करने का कोई अधिकार नहीं है। यह लोकतंत्र को खारिज करने और उसे बचाने वालों के बीच एक लड़ाई है।
सूरजेवाला ने कहा कि 64 सांसदों की ओर से महाभियोग प्रस्ताव देने के कुछ घंटों के भीतर, राज्य सभा के नेता ने उस दिन कहा है कि यह बदले की याचिका है। क्या अब बदले की याचिका, बचाव का आदेश हो गया है?