शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे कार्टून पर विवाद में बढ़ींं पार्टी की मुश्किलें
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना के मुखपत्र में मराठा क्रांति मूक मोर्चा को लेकर छपे आपत्तिजनक कार्टून विवाद में पार्टी की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। शिवसेना के कई सांसद और विधायक इस कार्टून पर आक्षेप जताते हुए इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं।
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शिवसेना ने दी मामले पर सफाई
इस पूरे मामले पर शिवसेना ने भावनाएं आहत करने के लिए माफी भी मांगी है। अाापको बता दें कि श्रीनिवास प्रभुदेसाई का एक कार्टून रविवार को सामना में छपा था। मंगलवार को मराठोंं का नेतृत्व करने वाली सांभाजी ब्रिगेड के सदस्यों ने विरोध में पूरे मुंबई को घेर लिया।
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2 महीने से हैं आंदोलनरत
ये सभी लोग महाराष्ट्र्र में बीते 2 महीने से एट्रोसिटी कानून में बदलाव और आरक्षण की मांगों का लेकर सड़क पर उतरे हैं। पूरे राज्य में लाखों की तादाद में मराठा सेना मोर्चा निकाल रही है।
जानिए क्या था कार्टून में
आपको बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में रविवार के अंक में मराठा मूक मोर्चा को व्यंगात्मक तरीके से दिखाया गया था। इसमें उनके आंदोलन को चुंबन के रूप मेंं पेश किया गया था। इसके बाद आंदोलनकारी भड़क गए थे।
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हुआ विरोध और पत्थरबाजी
सामना के संपादक उद्धव ठाकरे और कार्यकारी संपादक संंजय राउत के खिलाफ पुलिस थानों में भावनाएं आहत करने की शिकायत के साथ ही अखबार की प्रतियां भी जलाई गईं। यहां तक कि मंगलवार को संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने सामना के मुख्यालय पर पत्थरबाजी भी की।
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यह है कार्टूनिस्ट की सफाई
इस पूरे मामले पर कार्टून बनाने वाले प्रभुदेसाई ने कहा कि मैं एक कलाकार हूं, न कि राजनीतिज्ञ। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मराठाओं की भावनाएं भड़काने का उनका कोई मकसद नहीं था।
शिवसेना ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए साफ किया है कि कांग्रेस और एनसीपी पार्टी के खिलाफ माहौल बना रहे हैं।