गठबंधन तोड़ने के बाद 22 नवंबर को होने वाले पहले चुनाव में ही भाजपा को मात दे सकती है शिवसेना
नई दिल्ली- महाराष्ट्र में अभी कुछ महीनों तक राष्ट्रपति शासन जारी रहे या फिर कोई सरकार बन जाए, लेकिन आने वाले 22 नवंबर को ही भाजपा-शिवसेना के बीच एक चुनावी महामुकबले की संभावना पैदा हो गई है। अभी तक जो समीकरण दिख रहे हैं, उससे लगता है कि कई छोटे राज्यों से ज्यादा बजट वाले बीएमसी के मेयर चुनाव में बीजेपी पर शिवसेना का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। इस चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 18 नवंबर को शुरू हो रही है और रोटेशनल सिस्टम के तहत इस बार का चुनाव 'ओपन' हो रहा है। यानि, चुनाव में किसी तरह का आरक्षण लागू नहीं रहेगा। आइए, समझते हैं क्या बीएमसी का मौजूदा गुना-गणित?
22 नवंबर को मेयर चुनाव में पहली बड़ी लड़ाई
अगले 22 नवंबर को 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बजट वाली संस्था बृहन्मुंबई महानगरपालिका के मेयर का चुनाव होना है। प्रदेश शहरी विकास विभाग ने लॉटरी के जरिए साफ कर दिया है कि इस बार के चुनाव में मेयर का पद 'ओपन' है। यानि, इस पद के लिए किसी भी जाति के महिला या पुरुष उम्मीदवार नामांकन भर सकते हैं। अभी शिवसेना के विश्वनाथ महादेश्वर बीएमसी के मेयर हैं, जिनका कार्यकाल सितंबर में ही खत्म हो चुका है। लेकिन, विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इसकी मियाद बढ़ाई गई है जो कि 21 नवंबर को पूरा हो रहा है। वे 2014 के बीएमसी चुनाव के वक्त से ही मेयर हैं। पिछले चुनाव में उन्हें भाजपा के कॉर्पोरेटरों का भी समर्थन मिला था। बता दें कि बीएमसी के मेयर का कार्यकाल 2.5 साल ही निर्धारित है। शिवसेना के मौजूदा मेयर विश्वनाथ महादेश्वर हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मुंबई की बांद्रा ईस्ट पार्टी के उम्मीदवार थे, लेकिन उन्हें कांग्रेस के जीशान सिद्दीकी ने पराजित कर दिया।
भाजपा पर शिवसेना भारी
227 सीटों वाली बीएमसी के चुनाव में कॉर्पोरेटर ही मेयर के लिए वोटिंग करते हैं। इस समय बीएमसी में शिवसेना के 94 और बीजेपी के 83 कॉर्पोरेटर हैं। जबकि, कांग्रेस के पास 28, एनसीपी के 8, एसपी के 6, एमएनएस के 1 और एमआईएम के 2 कॉर्पोरेटर हैं। जबकि, अयोग्य ठहराए जाने की वजह से 5 सीटें खाली हैं और इसकी मौजूदा क्षमता 222 कॉर्पोरेटरों की है। यानि मेयर पद के लिए जादुई आंकड़ा 114 है। यानि, अगर बीजेपी ने भी मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में अपना उम्मीदवार उतारा तो भी शिवसेना का पलड़ा भारी पड़ सकता है। क्योंकि, कांग्रेस-एनसीपी के साथ वह गठबंधन पर बातचीत कर रही है और वैसे भी आंकड़े में शिवसेना के पास भाजपा से 11 कॉर्पोरेटर ज्यादा हैं।
मेयर चुनाव में और क्या हैं समीकरण ?
शिवसेना की ओर से फिलहाल मेयर उम्मीदवार के रूप में यशवंत जाधव, आशीष चेमबुरकर, शीतल महात्रे और किशोरी पेडनेकर का नाम रेस में आगे चल रहा है। हालांकि, बीजेपी ने यह साफ नहीं किया है कि वह इस चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी या नहीं। अगर उसने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया तो शिवसेना के लिए ये चुनाव केकवॉक होगा। लेकिन, शायद कोई फैसला लेने से पहले बीजेपी प्रदेश सरकार के गठन को लेकर जारी राजनीति का थोड़ा और इंतजार करना चाहती है। अभी तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओप से कहा जा रहा है कि दोनों अपने उम्मीदवार उतारेंगी। लेकिन, अगर प्रदेश में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना का गठबंधन हो गया तो इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है कि कांग्रेस, शिवसेना के खिलाफ प्रत्याशी देगी।
बीएमसी में बीजेपी की अंतिम उम्मीद ?
मुंबई के सियासी गलियारों में चर्चा ये भी शुरू हो गई है कि अगर कांग्रेस, शिवसेना के मुख्यमंत्री पर राजी हो गई तो वह बीएमसी की सत्ता में भी दावेदारी चाहेगी। क्योंकि, एशिया के इस अमीर निगम ही शिवसेना की राजनीति का आधार है और विपक्ष में रहकर थक चुकी कांग्रेस-एनसीपी इसमें अपनी हिस्सेदारी के बिना मानेगी इसकी संभावनाए बहुत ही कम हैं। वैसे सबकुछ इसपर निर्भर करता है कि प्रदेश में तीनों पार्टियों के बीच क्या राजनीतिक गुल खिलता है। कहा जा रहा है कि अगर गठबंधन हो गया तो कांग्रेस बीएमसीपी की समितियों में भागीदारी बढ़ाना चाहेगी तो एनसीपी डिप्टी मेयर की कुर्सी के लिए दावा ठोक सकती है। वैसे राजनीतिक विश्लेषक ये भी मान रहे हैं कि बीजेपी अपना उम्मीदवार उतारकर दूसरी पार्टियों के कॉर्पोरेटरों पर डोरे डालकर शिवसेना के लिए मुसीबत भी कर सकती है। अगर ऐसा संभव नहीं हुआ तो बीजेपी को नेता विपक्ष की कुर्सी से ही संतोष करना पड़ सकता है।