शिवसेना का योगी सरकार पर हमला, कहा- कहीं विकास दुबे भी नेपाल जाकर दूसरा दाऊद ना बन जाए
यूपी के कानपुर एनकाउंटर को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब शिवसेना के भी निशाने पर है...
नई दिल्ली। यूपी के कानपुर एनकाउंटर को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार विपक्ष के निशाने पर है। बीते शुक्रवार को कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी, जिसमें 10 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। पुलिसकर्मियों पर हुए इस हमले के बाद से विकास दुबे अभी तक फरार चल रहा है। वहीं, इस एनकाउंटर को लेकर अब शिवसेना ने भी यूपी सरकार पर हमला बोला है। पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिए शिवसेना ने सवाल उठाते हुए लिखा है कि अगर आज भी बदमाश इस तरीके से पुलिसकर्मियों को मारते हैं, तो फिर योगी आदित्यनाथ के यूपी में क्या बदला है?
'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' सरकार की पोल खुली- शिवसेना
शिवसेना ने सामना में योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोलते हुए लिखा, 'कानपुर एनकाउंटर की घटना ने 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' सरकार और यूपी में अपराधियों पर शिकंजा कसने के उनके दावों की पोल खोल दी है। सरकार से यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि जिस विकास दुबे के खिलाफ हत्या और लूट के 60 से ज्यादा केस दर्ज हैं, वो खुला कैसे घूम रहा था। योगी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में 113 से ज्यादा बदमाश पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं, तो विकास दुबे कैसे बचा रहा? क्या पुलिस अपराधियों की सूची भी यूपी सरकार के आदेश पर बना रही है?'
Recommended Video
'उत्तम प्रदेश में पुलिसकर्मियों का खून कैसे बहा'
सामना के संपादकीय में योगी सरकार से पूछा गया, 'क्या कोरोनोवायरस के बाद अब अपराधियों के डर से यूपी में लोगों को लॉकडाउन में रहना पड़ेगा? जिस उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश कहा जाता है, वहां पुलिसकर्मियों का खून कैसे बहा? यह शक जताया जा रहा है कि एनकाउंटर से पहले विकास दुबे को पुलिस के आने की खबर एक पुलिसकर्मी से ही मिली थी और इसलिए चौबेपुर के एसएचओ को सस्पेंड किया गया है। तो क्या इससे यूपी में बदमाशों और पुलिस की सांठगांठ को पोल खुली है।'
'हो सकता है कि विकास दुबे नेपाल भाग जाए और...'
इसके अलावा शिवसेना ने विकास दुबे के अवैध घर को ढहाने के मुद्दे पर भी योगी सरकार को निशाने पर लिया है। शिवसेना ने लिखा, 'विकास दुबे का घर अवैध है, क्या ये जानकारी खुफिया विभाग को 2 जुलाई से पहले नहीं मिली? जब विकास दुबे नहीं पकड़ा गया तो उसका घर ही ढहा दिया, लेकिन अपराधियों को कब ढहाया जाएगा।? क्या एक घर को ढहाने से उन परिवारों को वो पुलिसकर्मी वापस मिल सकते हैं, जो शहीद हो गए? इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद विकास दुबे का भाग जाना, इस बात को साबित करता है कि पुलिस से उसकी कैसी सांठगांठ थी। हो सकता है कि विकास दुबे नेपाल भाग जाए और नेपाल का दूसरा दाऊद इब्राहिम बन जाए।
बदमाशों ने घात लगाकर की पुलिस पर फायरिंग
आपको बता दें कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ संगीन धाराओं में 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। गुरुवार देर रात पुलिस की टीम विकास दुबे की तलाश में बिकारु गांव में रेड डालने गई थी कि तभी बदमाशों ने उनके ऊपर फायरिंग कर दी। इस मामले की जानकारी देते हुए कानपुर के एसएसपी ने बताया, 'हमें विकास दुबे के खिलाफ हत्या के प्रयास की शिकायत मिली थी, जिसके बाद पुलिस टीम को उसे गिरफ्तार करने के लिए भेजा गया था। बदमाश पहले से घात लगाए बैठे थे और उन्होंने रास्ते में जेसीबी मशीन खड़ी की हुई थी। पुलिस जैसे ही अपनी गाड़ियों से उतरी, बदमाशों ने टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, लेकिन बदमाश छतों पर छिपकर फायरिंग कर रहे थे, जिसकी वजह से हमारे 10 पुलिसकर्मी शहीद हुए।'
ये भी पढ़ें- इतिहास में पहली बार लाइव हुई बाबा बर्फानी की आरती, देखिए अमरनाथ की तस्वीरें