क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

शहीद हो रहे जवानों और आतंकी घटनाओं पर शिवसेना ने पूछा- कब तक बर्दाश्त करेंगे पाकिस्तान के ये काम?

शहीद हो रहे जवानों और पाकिस्तान के ये काम?

By Rahul Sankrityayan
Google Oneindia News

मुंबई। सीमा पार से गोलीबारी की घटनाओं में जवानों की शहादत पर चिंता जताते हुए बुधवार को शिवसेना ने आश्चर्य जताया कि पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों द्वारा हमले को देश कब तक सहन करेगा। साथ ही, सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी और कहा कि सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियों को सफल नहीं होने देंगे। शिवसेना ने दावा किया कि बिना किसी युद्ध के, पिछले 13 सालों में सीमा पार करने वाली फायरिंग में 1,600 से अधिक जवान मारे गए, जो एक गंभीर मामला है। जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम उल्लंघन के बाद सोमवार को सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे, दूसरी ओर पाकिस्तानी स्थित जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादी मारे गए थे।

कब तक बर्दाश्त करना है?

कब तक बर्दाश्त करना है?

शिवसेना ने कहा, 'हालांकि भारतीय सेना ने सेना दिवस पर कुछ आतंकियों को मार गिराया लेकिन यह भी सामने आया है कि हर तीसरे दिन एक भारतीय जवान क्रॉस-बॉर्डर फायरिंग में शहीद हुआ।' इसलिए, वास्तविक प्रश्न उठता है कि कितने समय तक हमें पाकिस्तान के ऐसे कार्य को बर्दाश्त करना है?'

भारतीय सेना ने 1,684 जवानों को खो दिया

भारतीय सेना ने 1,684 जवानों को खो दिया

शिवसेना के मुख पत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में लिखा गया है कि बिना किसी युद्ध के , पिछले 13 सालों में भारतीय सेना ने 1,684 जवानों को खो दिया है। यह जानकारी गंभीर है क्योंकि पाकिस्तान और आतंकवादी गतिविधियों से गोलीबारी में जवान शहीद हो रहे हैं।' शिवसेना ने सेना प्रमुख जनरल रावत की ओर से दी गई बड़ी जवाबी कार्रावाई की चेतावनी का स्वागत किया।

कीमतों में वृद्धि, पर नियंत्रण कर सकते हैं

कीमतों में वृद्धि, पर नियंत्रण कर सकते हैं

लिखा गया है कि पिछले कुछ सालों में, सेना ने 'कई आतंकवादी और पाकिस्तानी जवानों को भी मार दिया। शिवसेना ने खुदरा बाजार में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर चिंता व्यक्त की। संपादकीय में लिखा गया कि - 'हम मध्य पूर्व के वैश्विक मुद्दों पर नियंत्रण नहीं कर सकते लेकिन हम आम आदमी से संबंधित मुद्दों जैसे कि कीमतों में वृद्धि, पर नियंत्रण कर सकते हैं।' संपादकीय में लिखा गया है कि 2018 और 2019 'देश में चुनावी के साल' हैं और मांग की गई है कि सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम पक्ष में रखने के लिए कुछ कदम उठाए।

Comments
English summary
Shiv sena asked on attacks how long we have to tolerate such an act of Pakistan
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X