MP Assembly Elections 2018: राहुल गांधी भी एमपी के रण के लिए तैयार हैं?
उज्जैन। सियासत, धर्म और विश्वास तीनों ही शब्द अपने आप में काफी महत्वपूर्ण और भारी है, इन तीनों शब्दों के मायने अपने आप में काफी अलग है और इनका आपस में दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है लेकिन जब बात चुनावों की आती है ये तीनों शब्द हर पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं और तीनों शब्दों का जितना सुंदर चित्रण और विवरण हमें इस दौरान देखने सुनने को मिलता है, उतना शायद कभी नहीं मिलता।
त्रिपुंड-लाल टीका लगा लोगों से मिले राहुल गांधी
आज कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी उज्जैन पहुंचे, जहां उन्होंने महाकाल की पूजा और आरती की और इसके बाद उन्होंने त्रिपुंड-लाल टीका लगाकर महाकाल का आशीर्वाद लिया।
बेहद खास है त्रिपुंड-लाल टीका
अमेठी वासी और आज दैनिक के पूर्व वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र शर्मा ने वनइंडिया से बात करते हुए कहा कि त्रिपुंड-लाल टीका लगाकर राहुल गांधी का लोगों के सामने आना काफी खास है क्योंकि शिव पुराण के अनुसार जो व्यक्ति अपने माथे पर त्रिपुंड यानी (तीन रेखाएं ) धारण करता है, उस पर महाकाल की खास कृपा होती है।
इतिहास में वर्णन
इतिहास में वर्णन है कि ऐसा तिलक लगाकर राजपूत लोग रण के लिए निकलते थे और इसी वजह से वो विजयी होते थे, राहुल गांधी भी एमपीए के रण के लिए तैयार हैं और इसलिए ही आज त्रिपुंड लाल टीका लगाकर वो लोगों से मुखातिब हुए हैं।
यह भी पढ़ें: दादी-मां की तरह राहुल को भी महाकाल से आशीर्वाद की आस, क्या इतिहास सचमुच दोहराया जाएगा
राहुल के लिए राह आसान नहीं
इंदिरा-राजीव के समय की राजनीति को बेहद करीब से देखने वाले 84 वर्षीय रविंद्र शर्मा ने कहा कि राहुल आज जो कर रहे हैं वो दिसंबर 1979 में उनकी दादी इंदिरा गांधी और 2008 में उनकी मां सोनिया गांधी कर चुकी हैं। हालांकि तब ये इतनी चर्चा का विषय नहीं था जितना कि आज है, हालांकि चमत्कार दोनों बार हुआ था लेकिन इस बार के हालात अलग हैं और इसमें कोई शक नहीं कि राहुल के लिए राह आसान नहीं है।
क्या एमपी में मिलेगी सफलता?
गौरतलब है कि महाकाल में दर्शन के दौरान राहुल के साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद थे। दर्शन के बाद उन्होंने दशहरा मैदान में जनता को संबोधित किया, जहां भी उनके माथे पर त्रिपुंड-लाल टीका लगा हुआ था।
क्या सच होगा सपना
अपने आप को शिवभक्त और हिंदू साबित करने में जुटे राहुल गांधी का ये प्रयास उनके कितने काम आएगा ये तो चुनावों के बाद पता चलेगा लेकिन इसमें किसी को शक नहीं कि धर्म के सहारे एमपी में सत्ता पाने का सपना देख रही कांग्रेस को पूरा विश्वास है कि इस बार उसे हिंदू भाईयों का साथ जरूर मिलेगा।