एनडीए से अलग हुआ शिरोमणि अकाली दल, कृषि विधेयकों के विरोध में लिया फैसला
नई दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में लाए गए कृषि विधेयकों के विरोध में ये फैसला लिया गया है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इसकी जानकारी दी है। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में शनिवार को एनडीए से अलग होने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है। इससे पहले अकाली सांसद हरसिमरत कौर ने इन बिलों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री थीं।
शिरोमणि अकाल दल ओर से जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र की सरकार जो विधेयक लाई, उनसे किसानों के मन में शंका है लेकिन सरकार किसानों को कानूनी तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने को तैयार नहीं है। केंद्र की सरकार लगातार पंजाबी और सिखों से जुड़े मुद्दों पर असंवेदनशीलता दिखा रही है। ऐसे में शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया है। सुखबीर बादल ने एक ट्वीट कर लिखा है कि उनकी पार्टी एक अक्तूबर को पंजाब में बड़ा किसान मार्च करेगी और राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगी।
हाल ही में खत्म हुए मानसून सत्र में केंद्र सरकार किसानों से जुड़े तीन बिल लाई है। सरकार कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर क़रार विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 लेकर आई है। इनको संसद ने पास भी कर दिया है। जिस पर अकाली दल का विरोध है। सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में इनको लेकर कहा था कि हम इन बिलों का विरोध करते हैं क्योंकि 20 लाख किसान, 3 लाख मंडी में काम करने वाले मजदूर, 30 लाख खेत में काम करने वाले मजदूर और 30 हज़ार आढ़तियों के लिए ये खतरे की घंटी है। पंजाब की पिछली 50 साल की बनी बनाई किसान की फसल खरीद व्यवस्था इससे बर्बाद हो जाएगी।
अकाली दल भाजपा का पुराना साथी
भाजपा और शिरोमणि अकाली दल पुराने साथी हैं। 1997 में पहली बार दोनों दलों ने साथ में चुनाव लड़ा था और तब से अब तक इनका साथ बरकरार रहा।दोनों साथ में पंजाब में सरकार में रहे तो केंद्र में भी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों में अकाली दल से मंत्री रहे।