वसीम रिजवी की अमित शाह को चिट्ठी- शियाओं को भी नागरिक संशोधन बिल में करें शामिल
वसीम रिजवी की अमित शाह को चिट्ठी- शिया समाज को भी नागरिक संशोधन बिल में करें शामिल
नई दिल्ली। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने मांग की है कि नागरिक संशोधन बिल में शिया मुसलमानों को भी शामिल किया जाए। इसके लिए रिजवी ने गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। वसीम रिजवी ने चिट्ठी में शाह को लिखा है कि दुनियाभर के सुन्नी बहुल्य आबादी वाले मुल्कों में शियाओं पर कई तरह की ज्यादतियां हो रही हैं। शियाओं को इससे बचाने के लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार उनको भी नागरिकता देने के लिए सिटिजनशिप बिल में शामिल करे।
अपने पत्र में वसीम रिजवी ने कहा है कि भारत सरकार नागरिकता एक्ट में संसोधन कर पड़ोसी देशों के धार्मिक उत्पीडन के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने जा रही है। ऐसे में हम बताना चाहते हैं कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सहित सीरिया, सऊदी अरब और कीनिया जैसे देश जहां सुन्नी समाज बहुमत में है और शिया अल्पसंख्यक हैं। वहां उन पर जुल्म हो रहा है और उनकी हत्याएं हो रही हैं।
वसीम रिजवी ने कहा कि शिया समाज का शोषण 1400 वर्षों से, पैंगेबर की मौत के बाद से किया जा रहा है। ऐसे में सरकार से अनुरोध है कि नागरिकता संशोधन विधेयक में मुसलमानों के शिया वर्ग को भी शामिल करने का काम किया जाए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश करेंगे। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। मुसलमानों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। बिल के जरिए छह दशक पुराने नागरिकता कानून में संशोधन की बात है।
इस विधेयक के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने भी इसका विरोध किया है। विपक्षी दलों का कहना है कि धर्म के आधार पर नागरिकता भारत के संविधान और उसकी तहजीब के खिलाफ है।
Citizenship Amendment Bill: नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में गुवाहाटी में दुकानें बंद