जब एक ही फिल्म को 20 बार देखने गईं शीला दीक्षित, ये थी वो फिल्म
नई दिल्ली। तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया। 81 साल की दीक्षित कुछ समय से बीमार चल रही थीं। सीने में दर्द की शिकायत के बाद एस्कार्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। राजधानी दिल्ली को मॉडर्न लुक देने वाली शीला दीक्षित खुद भी कम मॉडर्न नहीं थीं। उनको फिल्में देखने का काफी शौक था। व्यस्त राजनीतिक गतिविधियों के बीच भी उन्होंने एक फिल्म 20 बार देखी थी।
फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' 20 बार देखी
सुनकर थोड़ी हैरानी होगी लेकिन ये उनका शौक ही था कि शाहरुख खान-अभिनीत फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' को वे 20 बार देख चुकी थीं। शीला दीक्षित पश्चिमी संगीत की काफी शौकीन थीं और रेडियो के पास बैठकर अपने पसंदीदा गीतों के प्रसारित होने का इंतजार करती थीं। वे नए-नए जूते पहने की भी शौकीन थीं। इनके अलावा, पढ़ने का बड़ा जुनून था। उन्हें फिल्में देखना भी बहुत पसंद था और सिनेमाघर में उनकी पहली फिल्म ब्लैक एंड व्हाइट में 'हैमलेट' थी।
जूतों का खास कलेक्शन रखती थीं
इन सारी बातों का जिक्र अपनी आत्मकथा 'सिटीजन डेल्ही : माय टाइम्स, माय लाइफ' में उन्होंने खुद किया है। उन्होंने लिखा है, 'उस वक्त टीवी का दौर नहीं था और रेडियो पर केवल दिन के कुछ घंटों के दौरान ही कार्यक्रम आते थे। जीवन स्कूल की पढ़ाई और किताबों, कभी-कभार फिल्म देखने और संगीत सुनने में गुजरता था।' वे लिखती हैं, 'पिता जी जिमखाना क्लब के मेंबर थे और उनका परिवार क्लब के पास डूप्लेक्स लेन में रहता था, वह हर हफ्ते 6 किताबें लातीं और अगले सप्ताह तक उन्हें पढ़ डालती थीं।
संगीत और किताबें पढ़ने का भी रहा शौक
स्टाइल अच्छा हो तो वे सड़क किनारे से जूते खरीदने से भी गुरेज नहीं करती थीं। उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि जनपथ से उन्हें नए स्टाइल के जूते मिलते थे और पटरी की इन दुकानों ने उन्हें बड़े ब्रांड बाटा और बलूजा से छुटकारा दिलाया था। शीला दीक्षित को जनपथ से तीन रुपए में मिलने वाली डार्क कलर के स्ट्रैप वाली फ्लैट सेंडल रास आने लगी थी। तब उनको पांच रुपए जेब खर्च के मिलते थे, वह इन्हें बचातीं और अलग अलग रंगों की जूतियां खरीदती थीं।