क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

उत्तराखंड के इस धाम में विसर्जित होंगी शीला दीक्षित की अस्थियां

शीला दीक्षित के बेटे संदीप और बेटी लतिका ने निगम बोध घाट के सीएनजी शवदाह गृह पहुंचकर उनकी अस्थियां प्राप्त कीं।

Google Oneindia News

नई दिल्ली। कांग्रेस की एक सशक्त और ऊर्जावान नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली शीला दीक्षित अब केवल यादों में ही शेष रह गई हैं। 15 साल तक देश की राजधानी की मुख्यमंत्री रहते हुए शीला दीक्षित ने ना केवल विकास के मामले में दिल्ली का कायापलट किया, बल्कि पर्यावरण बचाने को लेकर भी कई अहम फैसले लिए। इसके लिए उन्होंने सीएनजी और उससे चलने वाली बसों को बढ़ावा दिया। इसका फायदा ये हुआ कि दिल्ली में डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में कमी आई। शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार भी रविवार को सीएनजी पद्धति से ही किया गया। सीएनजी पद्धति से अंतिम संस्कार कराए जाने की इच्छा शीला दीक्षित ने जीवित रहते ही जाहिर कर दी थी। सोमवार को उनके बेटे संदीप दीक्षित और बेटी लतिका ने निगम बोध घाट के सीएनजी शवदाह गृह पहुंचकर उनकी अस्थियां प्राप्त कीं।

गंगोत्री धाम में विसर्जित होंगी अस्थियां

गंगोत्री धाम में विसर्जित होंगी अस्थियां

शीला दीक्षित के परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनकी अस्थियां उत्तराखंड के गंगोत्री धाम में विसर्जित की जाएंगी। इसके अलावा प्रयागराज में भी उनकी अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा। शीला दीक्षित के पर्यावरण के प्रति लगाव को देखते हुए दिल्ली के किसी पार्क में उनकी अस्थियां विसर्जित कर वहां कदंब का पेड़ लगाया जाएगा। आपको बता दें कि शीला दीक्षित को पर्यावरण से विशेष लगाव था और इसीलिए उन्होंने जीवित रहते हुए ही सीएनजी पद्धति से अपना अंतिम संस्कार कराए जाने की इच्छा जाहिर कर दी थी। सीएनजी से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में काफी कम प्रदूषण होता है। इस तरह उन्होंने इस दुनिया से जाते-जाते भी पर्यावरण बचाने का एक अहम संदेश दिल्ली के लोगों को दे दिया।

ये भी पढ़ें-सामने आई शीला दीक्षित की सोनिया गांधी को लिखी आखिरी चिट्टी, पार्टी में हड़कंपये भी पढ़ें-सामने आई शीला दीक्षित की सोनिया गांधी को लिखी आखिरी चिट्टी, पार्टी में हड़कंप

दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन

दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन

आपको बता दें कि बीते शनिवार को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में शीला दीक्षित का निधन हो गया था। एस्कॉर्ट हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. अशोक सेठ के मुताबकि, 'तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें हॉस्पिटल लाया गया था, जहां डॉक्टरों की एक टीम उनकी हालत पर लगातार नजर बनाए हुए थी। दोपहर 3:15 बजे उन्हें फिर से दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। दोपहर को 3 बजकर 55 मिनट पर उनका निधन हो गया।' शीला दीक्षित के निधन की खबर से कांग्रेस सदमे में है। मुख्यमंत्री रहते हुए शीला दीक्षित ने विकास के मामले में दिल्ली का कायापलट कर दिया था। उनके कार्यकाल में कई ऐसी योजनाएं थीं, जिनके लिए विरोधी भी उनकी तारीफ करते थे।

'निस्वार्थ भाव से दिल्ली को अपनी सेवाएं दी'

'निस्वार्थ भाव से दिल्ली को अपनी सेवाएं दी'

हाल ही में 2019 के लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित दिल्ली की उत्‍तर-पूर्व दिल्‍ली सीट से चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उनके निधन पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी की एक प्यारी बेटी शीला दीक्षित जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुखी और निराश हूं, जिनके साथ मैंने एक करीबी व्यक्तिगत संबंध महसूस किया। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार और दिल्ली के नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्हें उन्होंने निस्वार्थ भाव से तीन बार सीएम रहते हुए अपनी सेवाएं दी।' वहीं, उनके निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'शीला दीक्षित जी के निधन से गहरा दुख हुआ। एक ऊर्जावान और मिलनसार व्यक्तित्व के साथ उन्होंने दिल्ली के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।'

ये भी पढ़ें- शीला दीक्षित के बाद कौन होगा दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष, ये नाम सबसे आगेये भी पढ़ें- शीला दीक्षित के बाद कौन होगा दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष, ये नाम सबसे आगे

Comments
English summary
Sheila Dikshit's Remains Will Be Immersed In Gangotri Dham Of Uttarakhand
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X