पंजाबी परिवार में जन्मीं शीला कैसे बनीं दीक्षित परिवार की बहू, ये है उनकी लव स्टोरी
पंजाबी परिवार में जन्मीं शीला कैसे बनीं दीक्षित परिवार की बहू, ये है उनकी लव स्टोरी
नई दिल्ली। दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार शीला दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया। वो काफी समय से बीमार चल रहीं थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक शीला दीक्षित ने दोपहर 3:55 बजे अंतिम सांस ली। शीला दीक्षित के निधन की खबर से कांग्रेस सदमे में है। मुख्यमंत्री रहते हुए शीला दीक्षित ने विकास के मामले में दिल्ली का कायापलट कर दिया था। उनके कार्यकाल में कई ऐसी योजनाएं थीं, जिनके लिए विरोधी भी उनकी तारीफ करते थे। पिछले साल फरवरी 2018 में शीला दीक्षित की किताब 'सिटीजन दिल्ली: माय टाइम्स, माय लाइफ' रिलीज हुई, जिसमें उन्होंने अपने निजी जीवन की कई अहम बातों का भी जिक्र किया था।
विनोद ने शीला को बस में किया था प्रपोज
शीला दीक्षित का जन्म पंजाब के कपूरथला में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की थी। पंजाबी परिवार में जन्मी शीला दीक्षित ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज में ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया, जहां उनकी मुलाकात यूपी के उन्नाव के रहने वाले विनोद दीक्षित से हुई। विनोद कांग्रेस के बड़े नेता उमाशंकर दीक्षित के इकलौते बेटे थे और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही पढ़ाई कर रहे थे। दोनों में दोस्ती हुई और चार साल की दोस्ती के बाद दोनों ने साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया। विनोद ने शीला को डीटीसी की बस में साथ जाते हुए प्रपोज किया था। अपनी किताब 'सिटीजन दिल्ली: माय टाइम्स, माय लाइफ' में शीला दाक्षित ने अपनी लव स्टोरी का जिक्र करते हुए लिखा है कि उन्हें अपने प्रेमी से शादी करने के लिए दो साल का लंबा इंतजार करना पड़ा था।
झगड़ा सुलझाने के दौरान हुई दोस्ती
इस किताब में शीला दीक्षित ने अपनी लव स्टोरी का जिक्र करते हुए लिखा है, 'इतिहास की पढ़ाई करके के दौरान ही मेरी मुलाकात विनोद दीक्षित से हुई और वो मेरे जीवन का पहला व अंतिम प्यार बने। मेरी क्लास के 20 छात्रों में विनोद सबसे अलग थे। करीब 6 फीट लंबे विनोद कॉलेज में एक अच्छे क्रिकेटर होने के साथ-साथ अपने दोस्तों के बीच काफी लोकप्रिय थे। एक दिन हमारे दो दोस्तों के बीच, जो आपस में प्यार करते थे, कुछ विवाद हो गया, जिसे सुलझाने में हम दोनों ने मध्यस्थता की थी और उसी दौरान हमने एक दूसरे को पंसद कर लिया। इसके बाद हम दोनों में दोस्ती हुई और ये दोस्ती शादी तक पहुंची। शीला दीक्षित के पति विनोद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अफसर रहे थे। 1982 में एक ट्रेन के सफर के दौरान हार्ट अटैक आने से उनका निधन हो गया था।
ऐसा रहा सियासी सफर
शीला दीक्षित 81 वर्ष की थीं और वर्तमान में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का पद संभाल रहीं थी। वो लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं थी और 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था। हालांकि कुछ समय बाद ही उन्होंने राज्यपाल के पद से इस्तीफा देकर दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हो गईं थी। हाल ही में 2019 के लोकसभा चुनाव में वो दिल्ली की उत्तर-पूर्व दिल्ली सीट से चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उनके निधन पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी की एक प्यारी बेटी शीला दीक्षित जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुखी और निराश हूं, जिनके साथ मैंने एक करीबी व्यक्तिगत संबंध महसूस किया। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार और दिल्ली के नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्हें उन्होंने निस्वार्थ भाव से तीन बार सीएम रहते हुए अपनी सेवाएं दी।'
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