शीना बोरा मर्डर केस में सीबीआई बोली-इंद्राणी मुखर्जी के लाई डिटेक्टर टेस्ट का अब कोई फायदा नहीं
नई दिल्ली। शीना बोरा मर्डर मामले की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग वाली याचिका का जांच एजेंसी सीबीआई ने विरोध किया है। याचिका को लेकर सीबीआई ने अदालत में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि शीना बोरा मर्डर केस की शुरुआती जांच में इंद्राणी मुखर्जी का लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग की गई थी लेकिन उन्होंने इसके लिए इनकार कर दिया।
लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने का कोई लाभ नहीं
सीबीआई ने कहा कि ऐसे में जांच प्रक्रिया अब इस स्टेज पर पहुंच चुकी है कि इंद्राणी मुखर्जी का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने का कोई लाभ नहीं होगा और इससे मामले में किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिलेगी। बता दें कि इससे पहले केस की मुख्य अभियुक्त इंद्राणी मुखर्जी ने बुधवार को यहां सीबीआई की एक विशेष अदालत में कहा था कि वह लाई डिक्टेटर टेस्ट के लिए तैयार हैं। इसके लिए उन्होंने विशेष न्यायधीश जे सी जगदाले के समक्ष हाथ से लिखा आवेदन सौंपा था जिसमें उन्होंने लाई डिक्टेटर टेस्ट से गुजरने पर सहमति व्यक्त की थी।
बेटी शीना बोरा की हत्या का आरोप
बता दें कि 24 साल की शीना पर कथित तौर पर अप्रैल 2012 में अन्य लोगों की मदद से अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने और शव को पड़ोस के रायगढ़ जिले के एक जंगल में फेंकने का आरोप हैं। इसी मामले में पुलिस ने इंद्राणी को अगस्त 2015 में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब अगस्त 2015 में इंद्राणी के तत्कालीन ड्राइवर श्यामर राय सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने उसके पति पीटर मुखर्जी और उसके पूर्व पति संजीव खन्ना को भी गिरफ्तार किया गया था। इंद्राणी वर्तमान में मुंबई की महिला बाइकुला जेल में बंद है, जबकि पीटर आर्थर रोड जेल में उच्च सुरक्षा वाले बैरक बंद है।
तलाक की अर्जी
चर्चित शीना बोरा मर्डर केस की मुख्य आरोपी इंद्राणई मुखर्जी और पीटर मुखर्जी ने मुंबई के बांद्रा फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है। मालूम हो कि 24 साल की शीना बोरा की हत्या 24 अप्रैल 2012 को हुई थी। शीना का कंकाल 25 अप्रैल 2015 को रायगढ़ के पेन खोपली से बरामद किया गया था। इस हत्या का आरोप इंद्राणी मुखर्जी और उनके पूर्व पति संजीव खन्ना पर लगा था। इस घटना के खुलासे के बाद ड्राइवर श्याम राय को पुलिस ने अरेस्ट किया था। पूछताछ के बाद उसने इस हत्या में इंद्राणी मुखर्जी और उनके पूर्व पति के शामिल होने की बात कही। इस बयान के बाद 29 सितंबर 2015 को यह मामला सीबीआई को दिया गया था। 2015 में पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया था।
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