सेक्स वर्कर की बेटी ने शेयर की बदनाम गलियों की कहानी, 10 साल की उम्र में हुआ था रेप
मुंबई।
भारत
का
दूसरा
सबसे
बड़ा
रेड
लाइट
एरिया
कमाठीपुरा
की
सूरत
वक्त
के
साथ-साथ
बदल
रही
है।
इसी
बदलाव
के
बीच
यहां
की
एक
'काली
कहानी'
बाहर
आई
है
जो
अब
फेसबुक
पर
काफी
वायरल
हो
रही
है।
जी
हां
एक
पूर्व
सेक्स
वर्कर
की
बेटी
ने
इस
बदनाम
दुनिया
के
बारे
में
बताया
है।
उसने यह भी बताया है कि किस तरह एक एनजीओ ने उसकी लाइफ बदल दी। आज वो थियेटर में काम करती है और अमेरिका तक प्रोग्राम कर चुकी है। तो आईए विस्तार से जानते हैं कमाठीपुरा की इस लड़की की पूरी कहानी।
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डार्क स्किन के चलते कौवा कह कर बुलाते थे दोस्त
उपर जिस लड़की की तस्वीर आप देख रहे हैं उसने फेसबुक पेज 'ह्यूमन ऑफ बॉम्बे' पर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है। उसने बताया कि मैं रेड लाइट एरिया में बड़ी हुई।
काले रंग के चलते मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मेरे दोस्त मुझसे बात नहीं करते, न मेरे साथ खेलते थे। इसके अलावा वह मेरे रंग का भी मजाक बनाते थे। मुझे कौवा या काली गाय कहकर बुलाते थे।
केरल से तस्करी कर रेड लाइट लाई गई थी इस लड़की की मां
सेक्स वर्कर की बेटी ने बताया कि उसकी मां को केरल से तस्करी कर कमाठीपुरा लाया गया था। लेकिन जब वह उसके पिता से मिली तो उसने यह काम छोड़ दिया और लोगों के घर काम करने लगी। हालांकि हम कमाठीपुरा नहीं छोड़ पाए।
10 साल की उम्र में हुआ था रेप
उसने बताया कि जब वो 10 साल की थी तो उसके टीचर ने उसका रेप किया था। मुझे उसे वक्त अच्छे और बुरे टच का मतलब नहीं पता था। मुझे तब कुछ समझ नहीं आया। उसने बताया कि इस घटना से मैं काफी डरी हुई थी।
जब मैं 16 साल की थी तब मुझे एहसास हुआ मेरा रेप हुआ है। मेरे घरवाले वापस केरल चले गए लेकिन मैं यहीं रही। मुझे यहां पर काफी प्यार मिला। बाकी की सेक्स वर्कर मुझे अपनी बेटी जैसा प्यार देती हैं।
'क्रांति' ने बदल दी लाइफ
लड़की के मुताबिक मैं क्रांति नाम के एनजीओ से जुड़ी इसके बाद हम अमेरिका में एक प्रोग्राम करने गए। वहां मैंने देखा कि लोग मेरा बैकग्राउंड जानने के बावजूद मेरे काम को पसंद कर रहे हैं।
पहली बार मैंने महसूस किया कि हम सेक्स के बारे में खुलकर बात कर सकते हैं। वह कहती हैं कि हम क्यों खूबसूरती को रंग से जोड़ते हैं? क्यों लोगों में हम अच्छी चीज नहीं देख सकते। हमें समाज क्यों नहीं स्वीकार करता है।