शत्रुघ्न सिन्हा बोले- मैं तो कंपाउंडर बनने लायक भी नहीं था, लेकिन देश का स्वास्थ्य मंत्री बना
ब्रह्मपुत्र लिटरेरी फेस्टिविल में दीपा चौधरी के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा- मैं तो कंपाउंडर बनने लायक भी नहीं था, लेकिन देश का स्वास्थ्य मंत्री भी बन गया।
गुवाहाटी। अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने रविवार को कहा कि वह एक कंपाउंडर बनने लायक भी नहीं थे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री बन गए। ब्रह्मपुत्र लिटरेरी फेस्टिविल में दीपा चौधरी के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा- मैं तो कंपाउंडर बनने लायक भी नहीं था, लेकिन देश का स्वास्थ्य मंत्री भी बन गया। उन्होंने देश के लोगों को उन्हें प्यार करने और सम्मान देने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि वह मुंबई कोई स्टार बनने के लिए नहीं गए थे, बल्कि वह सिर्फ संघर्ष करना चाहते थे और एक अभिनेता बनना चाहते थे।
उन्होंने अपनी जीवनी 'एनीथिंग बट खामोश' की बात करते हुए कहा कि यह किसी भी इंसान के जीवन पर सबसे ईमानदार और पारदर्शी तरीके से लिखी गई किताब है। उन्होंने कहा कि उनकी किताब सबसे अधिक बिकने वाली किताब बन गई है। अपनी किताब के बारे में बोलते हुए शत्रुघ्न सिन्हा बोले कि इस किताब में कोई सनसनी नहीं है, ना ही इसमें किसी महिला की बेइज्जती की गई है, लेकिन फिर भी इस किताब में सब कुछ है।
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