राजनीति और बॉलीवुड में मांगा जाता है सेक्सुअल फेवर, बोले शत्रुघ्न सिन्हा, सरोज खान का किया बचाव
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा 'इसमे हो हल्ला करने वाली कोई बात नहीं है। सरोज खान जी जो बोलती हैं वो दिल से बोलती हैं।
नई दिल्ली। बॉलीवुड से होकर राजनीति में आए शत्रुघ्न सिन्हा ने कोरियोग्राफर सरोज खान और कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी के कास्टिंग काउच वाले बयान का बचाव किया है। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मनोरंजन और राजनीति की दुनिया दोनों में सेक्सुअल फेवर की डिमांड की जाती है। उन्होंने कहा कि न तो सरोज खान और न ही रेणुका चौधरी गलत हैं। सेक्सुअल फेवर की मांग मनोरंजन और राजनीति की दुनिया मे की जाती है। ये तो पुराने समय से चला आ रहा है 'आप मुझे खुश करो मैं आपको खुश करूंगा।'
'कास्टिंग काउच व्यक्तिगत पसंद का मामला है'
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा 'इसमे हो हल्ला करने वाली कोई बात नहीं है। सरोज खान जी जो बोलती हैं वो दिल से बोलती हैं। कोरियोग्राफी के क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। सरोज खान ने रेखा, माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी जैसी अभिनेत्रियों के करियर का आकार दिया है। सरोज खान अपना काम करती है लेकिन बॉलीवुड में क्या चल रहा है उनको सब पता होता है।' शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा 'मैं सरोज और रेणुका दोनों से पूरी तरह से सहमत हूं'।वहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि राजनीति में कास्टिंग काउच के लिए क्या शब्द है मुझे नहीं पता। मैं ये नहीं कहता कि ये सही है और ना ही मैं कभी इसका हिस्सा बनूंगा लेकिन वास्तविकता से आंख तो नहीं मूंदी जा सकती। इसके लिए सरोज खान की निंदा नहीं होनी चाहिए। कास्टिंग काउच व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
सरोज खान ने ये कहा था
जानी-मानी कोरियोग्राफर सरोज खान ने कास्टिंग काउच का बचाव करते हुए कहा था कि भारतीय फिल्म उद्योग बलात्कार के बाद कम से कम' महिलाओं को नौकरियां तो देता है, उन्हें बेसहारा तो नहीं छोड़ता। यौन अपराधियों के खिलाफ शुरू किए गए "मी टू'' अभियान के मद्देनजर दिए एक बयान में सरोज खान ने इसके लिए महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कास्टिंग काउच कोई नयी बात नहीं है। अनुभवी कोरियोग्राफर ने तेलुगू फिल्म उद्योग में कास्टिंग काउच संस्कृति के खिलाफ अभिनेत्री श्री रेड्डी के निर्वस्र होकर प्रदर्शन करने के संबंध में सांगली में एक पत्रकार के सवाल के जवाब में यह प्रतिक्रिया दी थी।
रेणुका चौधरी ने ये कहा था
रेणुका चौधरी के मुताबिक कास्टिंग काउच सिर्फ बॉलीवुड या एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री तक सीमित नहीं हैं, ये ऐसी सच्चाई है जिसे हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, 'ऐसा मत समझिए कि संसद इससे अछूती है या अन्य कार्यस्थल इससे बचे हुए हैं।
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