शत्रुघ्न सिन्हा की पीएम से अपील, बिहार को आपके कुशल मार्गदर्शन की जरूरत
नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी से बगावत करने के बाद कांग्रेस का दामन थामने वाले दिग्गज नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अपने तेवर में बदलाव किया है। जिस तरह से बिहार में इंसेफिलाइटिस की वजह से 150 से अधिक बच्चों की जान चली गई, उसके बाद सिन्हा ने पीएम मोदी से अपील की है कि आप देश की उम्मीद हैं। बिहार में आई इस त्रासदी में आप हस्तक्षेप करें और इस समस्या से उबारने के लिए रोडमैप तैयार करें। इस वक्त आपके सक्षम नेतृत्व , मार्गदर्शन और मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है।
सिन्हा ने ट्वीट करके की अपील
ट्विटर पर ट्वीट करके सिन्हा ने लिखा है कि बिहार अबतक के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है, 130 से अधिक बच्चों की मौत एईएस की वजह से हो चुकी है। जबकि 250 से अधिक लोग गर्मी के प्रकोप की वजह से जान गंवा चुके हैं। यह दिन दहला देने वाली घटना है। यह त्रासदी प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की पूरी तरह से विफलता की वजह से हुई है। मैं आपसे अपील अपील करता हूं कि आप इन दोनों ही मुद्दों में अपना हस्तक्षेप करें, आपके कुशल नेतृत्व की सख्त जरूरत है।
मरने वालों की संख्या 150 के पार
बता दें कि इंसेफिलाइटिस से मरने वाले बच्चों की संख्या 150 को पार कर गई है। अकेले श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएस) में अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है। ऐसे में बिहार और केंद्र सरकार पर चौतरफा दबाव पड़ रहा है। बिहार की नीतीश सरकार ने पहली बार चमकी बुखार के संबंध में कार्रवाई की है। लापरवाही बरतने के आरोप में अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भीमसेन को सस्पेंड कर दिया गया है।
थम नहीं रहा मौतों का सिलसिला
आपको बता दें कि बिहार से स्वास्थ्य विभाग ने पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ भीमसेन कुमार को 19 जून को एसकेएमसीएच में तैनात किया था। उनकी तैनाती के बाद भी अस्पताल में बच्चों की मौतों का सिलसिला नहीं रुका। बच्चों की मौत होती रही। अधिकारियों ने बताया कि यहां इलाज की पूर्ण व्यवस्था व सभी दवाएं उपलब्ध हैं। विशेषज्ञों की टीम की तैनाती कर दी गई है। इसमें दिल्ली एम्स से दो, वहां के विभिन्न अस्पतालों से 15, पटना, दरभंगा व नालंदा मेडिकल कॉलेज से तीन-तीन विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल हैं। यहां आनेवाले मरीजों की समुचित जांच व इलाज की मुफ्त व्यवस्था है। जरूरतमंद बच्चों को अस्पताल से ब्लड उपलब्ध कराया जा रहा। इसके लिए किसी परिजन के ब्लड देने का इंतजार नहीं किया जा रहा।
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