
शशि थरूर ने कोविड मुआवजे को लेकर केंद्र पर कसा तंज, पूछा-कौन सा सच है
नई दिल्ली, 01 अप्रैल: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को कुछ राज्यों में कोरोनो वायरस से संबंधित मौतों के आधिकारिक आंकड़ों और वित्तीय मुआवजे के लिए आए आवेदनों की संख्या के बीच पाई गईं 'विसंगतियों' को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा। केरल के सांसद ने भाजपा शासित गुजरात को हाइलाइट करते हुए कहा कि आधिकारिक तौर पर 10,094 कोविड की मौत दर्ज की गई थी, लेकिन लगभग 70,000 मामलों में मुआवजे को मंजूरी दी गई है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा कि, आज के लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कोविड पर आईसीएमआर के शोध पर चर्चा की गई। इस दौरान किसी ने भी कोविड से होने वाली मौतों के आधिकारिक आंकड़ों और मुआवजा राशि के भुगतान का दावा करने वाली संख्या के बीच विसंगति को नहीं उठाया, उदाहरण के लिए गुजरात में 10,094 मौतें हुई हैं, लेकिन 68,370 दावों को मंजूरी दी है। कौन सा सच है?
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चूंकि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कोविड को 'आपदा' के रूप में अधिसूचित किया गया था, इसलिए सरकार के लिए उन लोगों के परिवारों को वित्तीय मुआवजा देना अनिवार्य था, जिन्होंने बीमारी से अपने लोगों को खो दिया था। अदालत ने कहा कि कानून की धारा 12 में कहा गया है कि राहत के न्यूनतम मानकों के लिए दिशा-निर्देशों की सिफारिश करना केंद्र सरकार का कानूनी कर्तव्य है।
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शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी कोविड मौतें - चाहे अस्पताल के अंदर हों या बाहर - जो पॉजिटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट के 30 दिनों के भीतर हुई हैं, वे मुआवजे की हकदार होंगी। आदेश के बाद, सितंबर 2021 में, केंद्र सरकार ने कोविड -19 से मरने वालों के परिवारों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की सिफारिश की थी। भारत में घटते कोविड -19 मामलों के बीच, राज्यसभा और लोकसभा में 14 मार्च से बजट सत्र के दूसरे भाग के लिए कार्यवाही फिर से शुरू की, जो 8 अप्रैल को समाप्त होगी।