CAA से जिन्ना की सोच की ओर बढ़ रहे हैं हम, धर्म के हिसाब से नागरिकता देना पाकिस्तान की सोच: शशि थरूर
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक बार फिर से नाराजगी जताई है। शशि थरूर ने CAA को जिन्ना की सोच बता दिया। वहीं कहा कि धर्म के हिसाब से नागरिकता देना पाकिस्तान की सोच है। इसे लागू कर हम जिन्ना की सोच की ओर हम बढ़ रहे हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए शशि थरूर ने कहा कि मजहब के हिसाब से नागरिकता देना पाकिस्तान की सोच है, महात्मा गांधी की नहीं।
उन्होंने कहा कि सीएए पूरी तरह से केंद्र सरकार के हाथ में हैं। राज्य सरकार उसमें कुछ रोल नहीं हैय़ कुछ राज्यों में इसके खिलाफ प्रस्ताव लाए जा रहे हैं, लेकिन ये एक राजनीतिक स्टंट हैं। जो केंद्र सरकार को दिखाना चाहते हैं कि हम इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भले ही CAA में राज्य सरकारों का रोल न हो, लेकिन जब एनआरसी और एनपीआर की बात करते हैं वहां राज्य सरकारों की मदद के बिना कुछ नहीं हो सकता। ऐसे में अगर राज्य सरकार मना कर देगी तो मुश्किल आएगी। ऐसे में केंद्र सरकार को समझना चाहिए कि एनपीआर और एनआरसी करने में आपको दिक्कत होगी।
उन्होंने कहा कि सीएए से देश पर फर्क तो पड़ा है। अगर ऐसा नहीं होता तो इतना विरोध प्रदर्शन नहीं होता। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर किसी को नागरिकता नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करके केंद्र सरकार जिन्ना के लॉजिक अपने देश में लेकर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत धर्म निरपेक्ष देश है। उन्होंने कहा कि सीएए लाकर हम जिन्ना की सोच की तरफ जा रहे हैं, क्योंकि जिन्ना ने कहा था धर्म देश की बेस होना चाहिए। वहीं महात्मा गांधी जी ने कहा था कि मेरे देश में सभी धर्म बराबर हैं और रहेंगे।
Shashi Tharoor: If CAA would lead to NPR & NRC, that would pursue the same line. If that happens, you can say that Jinnah's victory is complete. From wherever Jinnah is, he would say he was right that Muslims deserve a separate nation because Hindus can't be just towards Muslims. https://t.co/UVFkNmGZDK
— ANI (@ANI) January 26, 2020