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संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाने को लेकर शशि थरूर ने कही बड़ी बात

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नई दिल्ली। संस्कृत भाषा को देश की आधिकारिक भाषा बनाए जाने को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा था कि हिंदी की जगह संस्कृत भाषा को आधिकारिक भाषा बनाया जाए। जिसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि संस्कृत एक जबरदस्त भाषा है, लेकिन यह सरल भाषा नहीं है, ना ही संस्कृत भाषा को अधिक लोग बोलते हैं। लिहाजा संस्कृत भाषा को एकदम से आधिकारिक भाषा बनाना वाजिब मांग नहीं लगती है।

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पीएम मोदी ने संस्कृत में किया था ट्वीट
दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष नवरात्र के मौके पर लोगों को शुभकामनाएं संस्कृत भाषा में दी थी, उन्होंने संस्कृत में ट्वीट करके लोगों को शुभकामनाएं दी थी। जिसका शशि थरूर ने अंग्रेजी में अनुवाद करके ट्वीट किया था। बता दें कि नई शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार लगातार मंथन कर रही है। हाल ही में प्रस्ताव आया था कि हिंदी, अंग्रेजी और एक क्षेत्रीय भाषा को स्कूलों में पढ़ाया जाना अनिवार्य किया जाएगा। जिसके बाद हर तरफ इसका विरोध होने लगा था। जिसके बाद खुद सरकार को इस मामले में सफाई देनी पड़ी थी कि यह महज प्रस्ताव है और हम लोगों की इसपर राय ले रहे हैं।

तीन भाषा सिद्धांत का किया था विरोध
नई शिक्षा नीति में जिस तरह से तीन भाषाओं को स्कूल में लागू करने की बात कही गई है, उसका कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विरोध किया है। शशि थरूर ने कहा कि तीन भाषाओं के फॉर्मूले का समाधान इसे खारिज करना नहीं है बल्कि इसे बेहतर तरीके से लागू करना है। दरअसल नई शिक्षा नीति का तमिलनाडु में कड़ा विरोध हो रहा है। बता दें कि नई शिक्षा नीति में हिंदी भाषा को पढ़ाया जाना अनिवार्य किया गया है, जिसका दक्षिण भारत के राज्यों में सबसे अधिक विरोध हो रहा है।

विरोध नहीं है समाधान
शशि थरूर ने कहा कि इस विचार का विरोध इसका समाधान नहीं है, बल्कि इसे बेहतर तरीके से लागू किया जाना है। उन्होंने कहा कि तीन भाषा का सिद्धांत 1960 में लाया गया था, लेकिन इसे कभी भी सही से लागू नहीं किया गया। दक्षिण भारत में हममे से अधिकतर लोग दूसरी भाषा के तौर पर हिंदी भाषा सीखते हैं, लेकिन उत्तर भारत में कोई भी मलयालम या तमिल भाषा को नहीं सीखता है। इससे पहले शनिवार को तमिलनाडु के कई क्षेत्रीय दलों ने भी इस फॉर्मूले का विरोध किया ता। लोगों ने आरोप लगाया था कि हिंदी भाषा को दक्षिण भारतीयों पर थोपा जा रहा है।

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English summary
Shashi Tharoor opposes Sanskrit language as official language.
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