आयुष सचिव के गैर हिंदी वाले बयान पर भड़के शशि थरूर पूछा, क्या अब सत्ता में टुकड़े-टुकड़े गैंग है?
नई दिल्ली। तमिलनाडु में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भाषा को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल तमिनलाडु में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमे आयुष सचिव राजेश कोटेचा ने प्रतिभागियों से कहा था कि अगर आपको हिंदी नहीं आती है तो आप जा सकते हैं। आयुष सचिव के इस बयान के बाद विवाद काफी बढ़ गया है। इस पूरे मामले पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी अपना बयान दिया है। शशि थरूर ने कहा कि यह असाधारण है जब भारत सरकार के सचिव हिंदी नहीं समझ आने पर तमिलों को वेबिनार छोड़ने के लिए कहते हैं। अगर सरकार के अंदर शालीनता है तो उन्हें इस सचिव की जगह किसी तमिल सचिव को यह पद दे देना चाहिए। क्या अब सत्ता में टुकड़े-टुकड़े गैंग है जो इतनी मेहनत से हासिल की गए एकता को बर्बात करना चाहते हैं।
इससे पहले तमिलनाडु की तूतूकुड़ी क्षेत्र से सांसद कनिमोझी ने भी सचिव के बयान की आलोचना करते हुए उनसे इस्तीफा मांगा था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, आयुष सचिव के ऐसे रवैये पर सरकार द्वारा उन्हें तुरंत निंलबित करना चाहिए और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जानी चाहिए। कनिमोझी ने लिखा, 'केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा का कथन है कि मंत्रालय के प्रशिक्षण सत्र के दौरान गैर-हिंदी भाषी प्रतिभागी सत्र को छोड़कर जा सकते हैं, उनका यह बयान हिंदी को थोपे जाने जैसा है, यह अत्यंत निंदनीय है।' कनिमोझी के बयान के बाद लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी इस मामले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि हिंदी में बोलने की जिद 'पूरी तरह अस्वीकार्य' थी।
दरअसल, 18 अगस्त से 20 अगस्त के बीच योग के मास्टर ट्रेनर्स के लिए आयुष और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में तमिलनाडु के 33 सरकारी डॉक्टरों ने भाग लिया था, जिसमें कुल 300 से अधिक प्रतिभागी थे। एक डॉक्टर ने बताया कि कथित रूप से आयुष सचिव ने हिंदी में अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा, 'मैं उन लोगों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने पिछले दो दिनों में इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए समय दिया है। मुझे जानकारी मिली है कि पिछले 2 दिन में यहां आयोजन की भाषा को लेकर कुछ समस्या आई है। मुझे भी अंग्रेजी पूरी तरह नहीं आती है। ऐसे में वे लोग यहां से जा सकते हैं, क्योंकि मैं केवल हिंदी में ही यहां अपनी बात कहूंगा।'
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