गालिब को लेकर एक नहीं दो गलती कर गए शशि थरूर, जावेद अख्तर ने टोका तो मांगी माफी
नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं, अक्सर जिस तरह की वह पोस्ट करते हैं उसकी वजह से चर्चा में रहते हैं। लेकिन सोशल मीडिया के दौर में किसी भी जानकारी की बिना पुष्टि किए साझा करना भारी पड़ सकता है। दरअसल शशि थरूर ने ट्विटर पर मिर्जा गालिब की कुछ पंक्तियों को साझा किया और मिर्जा गालिब को उनके जन्मदिन पर याद किया। लेकिन शायद शशि थरूर को यह नहीं पता था ना तो यह पंक्तियां मिर्जा गालिब की हैं और ना ही उनका जन्मदिन 20 जुलाई को होता है। बता दें कि वास्तव में मिर्जा गालिब का जन्मदिन 27 दिसंबर को होता है।
गलत जानकारी
दरअसल जब शशि थरूर ने यह ट्वीट किया तो गीतकार जावेद अख्तर ने उन्हें ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी कि शशि जी जिसने भी आपको ये लाइनें दी हैं, उसपर कभी दोबारा भरोसा नहीं किया जा सकता है। मुमकिन है कि किसी ने यह लाइनें आपको भेजी होंगी, जिससे कि वह आपकी साहित्यिक जानकारी को नुकसान पहुंचा सके। जावेद अख्तर के इस ट्वीट के बाद शशि थरूर ने ट्वीट करके कहा कि मुझे गलत जानकारी दी गई, लेकिन फिर भी मैं इन लाइनों को बहुत पसंद करता हूं।
इन लाइनों को साझा किया
बता दें कि शशि थरूर ने ट्विटर जो लाइनें साझा की थी उसके नीचे लिखा था कि मिर्जा गालिब का 220वां जन्मदिन, कितनी और भी जबरदस्त लाइनें हैं उनकी। थरूर ने लिखा कि गालिब मेरे पसंदीदा हैं। इन लाइनों को शशि थरूर ने साझा किया,
ख़ुदा
की
मोहब्बत
को
फ़ना
कौन
करेगा?
सभी
बन्दे
नेक
हों
तो
गुनाह
कौन
करेगा?
ऐ
ख़ुदा
मेरे
दोस्तों
को
सलामत
रखना
वरना
मेरी
सलामती
की
दुआ
कौन
करेगा
और
रखना
मेरे
दुश्मनों
को
भी
महफूज़
वरना
मेरी
तेरे
पास
आने
की
दुआ
कौन
करेगा...!!!
मांगी माफी
इसके बाद शशि थरूर ने जावेद अख्तर का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा कि ये लाइनें गालिब की नहीं हैं। जैसा कि होता है कि हर अच्छी पंक्ति को विंस्टन चर्चिल के साथ जोड़ा जाता है, जोकि उन्होंने कही ही नहीं, ठीक उसी तरह गालिब के साथ भी होता है, जो भी लाइनें अच्छी होती हैं उसे गालिब से जोड़ दिया जाता है। मैं क्षमा चाहता हूं।
जावेद ने औरों को भी सही किया
शशि थरूर को सही करने के बाद जावेद अख्तर ने शशि थरूर के ट्वीट आए एक कमेंट का जवाब दिया और लिखा कि ये लाइनें भी मिर्जा गालिब की नहीं हैं। एक यूजर ने लिखा कि अगर वो पूछ लें हमसे, तुम्हें किस बात का गम है, तो फिर किस बात का गम है, अगर पूछ लें हमसे। यूजर ने इन लाइनों को मिर्जा गालिब की लाइनें बताते हुए साझा किया था। इसके अलावा एक अन्य यूजर को भी जावेद अख्तर ने सही किया और लिखा कि जैद साहब गरीब गालिब पर कुछ दया दिखाइए और उन्हें अकेला छोड़ दीजिए।
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