शेयर बाजार में डूबे निवेशकों के 8 लाख करोड़, ये हैं 4 बड़ी वजह
नई दिल्ली। कोरोना वायरस और यस बैंक संकट के बीच शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार में गिरावट का दौर आज भी जारी रहा और सेंसेक्स 2467 अंकों (6.56 फीसदी) की गिरावट के साथ 35,109 पर आ पहुंचा। जबकि निफ्टी में भी 695 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई और वह लुढ़ककर 10,294 के स्तर पर पहुंच गया। शेयर बाजार में ये एक साल के भीतर सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं, इस गिरावट ने निवेशकों की कमर तोड़ दी है और बाजार में निवेशकों के 8 लाख करोड़ स्वाहा हो गए।
निवेशकों के 8 लाख करोड़ डूबे
मार्च के दूसरे हफ्ते में भी शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा। इसके पहले, शुक्रवार को भी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी और यस बैंक के शेयर 6 रुपए के स्तर पर पहुंच गए थे। हालांकि इसके बाद इसमें तेजी देखी गई और ये 19 पर पहुंच गया। वहीं, सोमवार को बीएसई पर लिस्टेड कुल कंपनियों का मार्केट कैप 1,44,31,224.41 करोड़ था, जो सोमवार को गिरावट के बाद 8,05,996.31 करोड़ रु घटकर 1,36,25,228 करोड़ रह गया।
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कोरोना वायरस का भी दिखा शेयर बाजार पर असर
अंतर्राष्ट्रीय और एशियाई बाजारों में मिल रहे खराब संकेतों के कारण घरेलू शेयर बाजार में भी गिरावट देखने को मिल रही है। लगभग सभी सेक्टर्स में बिकवाली का दबाव हावी रहा वहीं, भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का भी शेयर बाजार पर असर पड़ा है। भारत में कोरोना वायरस के अब तक 43 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। दुनिया के 90 देश इस वक्त कोरोना वायरस की चपेट में हैं।
कच्चे तेल की कीमतों मे आई कमी
वहीं, ओपेक देशों और रूस के बीच छिड़े प्राइस वार के बीच सऊदी अरब ने कच्चे तेल की कीमत घटा दी है। कच्चे तेल की कीमतों में 30 फीसदी तक की कमी आई है। क्रूड ऑयल के मसले पर डील ना हो पाने के कारण एशियाई बाजारों में काफी हलचल देखने को मिली। भारत के अलावा टोक्यो, हॉन्गकॉन्ग, सिडनी और सियोल में भी शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई।
यस बैंक संकट ने भी बढ़ाई निवेशकों की परेशानी
दूसरी तरफ, आरबीआई ने यस बैंक से पैसे निकालने की लिमिट को फिक्स कर दिया है जिसके मुताबिक, ग्राहक एक महीने में केवल 50 हजार रु तक ही निकाल सकते हैं। यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय ने हिरासत मे ले लिया है। हालांकि, आरबीआई के आश्वासन और एसबीआई के आगे आने से निवेशकों का विश्वास लौटा है लेकिन बाजार पर बिकवाली का डर लगातार बना हुआ है।