ED के दफ्तर में आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार की पेशी, अन्ना हजारे ने कही चौंकाने वाली बात
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार आज प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई ऑफिस में पेश होंगे, इस बारे में बात करते हुए पवार ने खुद कहा कि वो मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी जांच के लिए खुद को एजेंसी को उपलब्ध कराएंगे, गौरतलब है कि महाराष्ट्र स्टेट कार्पोरेशन बैंक से जुड़े एक मामले में आरोपी बनाया गया है।
पोते रोहित की अपील- मुंबई में जुटें पार्टी कार्यकर्ता
शरद पवार ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे ईडी के दफ्तर के सामने न जुटें, हालांकि उनके पोते रोहित पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से पेश के दिन मुंबई में जुटने की अपील की है जिससे शुक्रवार को शरद पवार की पेश के दौरान हंगामे के आसार हैं इसलिए मुंबई पुलिस ने बैलार्ड एस्टेट स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर वाले इलाके में धारा 144 लगा दी है।
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अन्ना हजारे ने पवार को दी क्लीन चिट
इस कानूनी उठापठक के बीच समाजसेवी अन्ना हजारे ने शरद पवार पर बयान दिया है. अन्ना हजारे का कहना है कि मैंने जो सबूत दिए हैं उसमें शरद पवार का नाम नहीं है, हालांकि, अन्ना हजारे ने ये भी कहा कि ईडी ने किस आधार पर उनका नाम लिया है, इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.लेकिन वह इतना जरूर कहते हैं कि जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन जो दोषी नहीं हैं उन पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
कमिश्नर जय जाधव को मिले सजा: अन्ना हजारे
समाजसेवी अन्ना हजारे ने मांग की है कि कमिश्नर जय जाधव जिन्होंने इस मामले में सही समय पर कारवाई नहीं की, उन पर भी FIR दर्ज करनी चाहिए।
25 हजार करोड़ रुपए का है घोटाला
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के समेत 70 लोगों को महाराष्ट्र स्टेट कार्पोरेशन बैंक से जुड़े एक मामले में आरोपी बनाया गया है। ये घोटाला 25 हजार करोड़ रुपए का बताया जा रहा है, महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस मुद्दे पर जबरदस्त राजनीति चल रही है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायत में दावा किया गया है कि साल 2007 से 2011 के बीच आरोपियों की मिलीभगत से बैंक को करोड़ों रुपये का नुकसान होने का आरोप है। आरोपियों में 34 जिलों के विभिन्न बैंक अधिकारी शामिल हैं। ईडी के मुताबिक मुंबई हाईकोर्ट ने इस मामले में पहले एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया था, इसके बाद ईडी ने यह केस दर्ज किया है। ईडी के मुताबिक, इस स्कैम में कार्पोरेटिव बैंकों के कई मैनेजर भी शामिल थे।
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