बीजेपी को सरकार बनाने से रोकने के लिए शरद पवार ने चला दांव, यूपीए को मिल सकते हैं नए साथी
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले बीजेपी को दोबारा सरकार बनाने से रोकने के लिए 78 साल के शरद पवार ने मोर्चा संभाल लिया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री टीडीपी प्रमुख लगातार विपक्षी एकता के लिए एनडीए के विरोधी दलों के प्रमुख नेताओं से मिल रहे हैं। रविवार को एग्जिट पोल जारी होने के बाद शरद पवार उन तीन प्रमुख नेताओं के संपर्क में है, जो अब तक गैर बीजेपी गठबंधन के लिए विपक्ष की बैठकों से दूरी बनाए हुए हैं। शरद पवार उन पार्टियों के नेताओं को एक छतरी के नीचे लाने की कोशिश कर रहे हैं, जो एक दूसरे के धुर विरोधी रहे हैं। हालांकि एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलने का अनुमान है लेकिन अगर वास्तविक नतीजों में एनडीए बहुमत पाने में नाकाम होती है तो विपक्षी एकजुटता के लिए ये कोशिशें हो रही हैं।
पवार ने इन नेताओं से की बात
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक शरद पवार ने बीजू जनता दल(बीजेडी) के नेता और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी और तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रमुख और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव से संपर्क करने की कोशिश की है। एनसीपी के आधिकारिक नेताओं के मुताबिक शरद पवार की नवीन पटनायक और केसीआर से फोन पर बात हुई है। सूत्रों के मुताबिक पटनायक और केसीआर ने समर्थन देने की बात कही है अगर कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार स्थिर सरकार में समर्थ दिखती है।
जगन मोहन रेड्डी ने नहीं हो पाई बात
हालांकि वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी से शरद पवार की बात नहीं हो पाई है। इसकी वजह जगन मोहन का यात्रा में व्यस्त होना बताया जा रहा है। गौरतलब है कि बीजेपी भी जगन मोहन रेड्डी के संपर्क में है। अगर एनडीए किसी वजह से बहुमत से दूर रहता है तो उसे उम्मीद है कि जगन उन्हें समर्थन देंगे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया था। नायडू और रेड्डी आंध्र में एक दूसरे के विरोधी हैं।
शरद नायडू के संपर्क में भी
एनसीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के संपर्क में भी हैं। शरद पवार के अलावा चंद्रबाबू नायडू विपक्षी एकता को लेकर लगातार विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को कोलकाता जाकर ममता से मुलाकात की। इससे पहले वो लखनऊ में जाकर मायावाती और अखिलेश से अलग-अलग मिले थे और दोनों नेताओं के साथ लंबी बैठक की। दिल्ली में सोमवार को उन्होंने राहुल,सोनिया और शरद पवार से मुलाकात की। नायडू ने मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और जेडीएस प्रमुख और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा से मुलाकात की थी। आंध्र प्रदेश में 25, ओडिशा में 21 और तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटें हैं।
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बीजेपी ने 2014 में बनाई थी बहुमत से सरकार
गौरतलब है कि साल 2014 में बीजेपी ने पहली बार बहुमत से सरकार बनाई थी। साल 2014 में बीजेपी को 282 सीटें मिली थी। जो बहुमत 272 से 10 सीटे अधिक थी। वहीं बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को 336 सीट मिली थी। कांग्रेस को इस चुनाव में 44 सीटें और अन्य को 147 सीटें मिली थी। यूपीए को 60 सीटें इस चुनाव में हासिल हुई थी। कांग्रेस का ये खराब प्रदर्शन था। बीजेपी ने मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार को सत्ता से 10 साल बाद बेदखल किया था।
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