शरद पवार बोले- राज्य में चुनाव नहीं चाहता हूं, दोनों दलों में बातचीत जारी
मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच मंगलवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इसी बीच मंगलवार शाम कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड्गे और अहमद पटेल एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिले पहुंचे। दोनों पार्टियों के बीच शिवसेना को समर्थन देने को लेकर बैठक हुई। बैठक के बाद शरद पवार, अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड्गे और केसी वेणुगोपाल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
सरकार बनाने को लेकर कोई फैसला नही किया गया
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित करते हुए एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि,शिवसेना ने पहली बार 11 नवंबर को अधिकृत रूप से कांग्रेस-एनसीपी से समर्थन मांगा था। फैसले से पहले सभी पहलुओं पर चर्चा होगी। आम सहमति बनने के बाद आगे की नीति तय की जाएगी बैठक में अभी सरकार बनाने को लेकर कोई फैसला नही किया गया है। सरकार बनाने को लेकर अभी आगे बात होनी है।
अभी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर होगी चर्चा
वहीं कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने कहा कि, जिस तरह से राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है, उसकी मैं आलोचना करता हूं। यह लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश है। कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता ना देना राज्यपाल की गलती है। एनसीपी से बात किए बिना हम कोई निर्णय नहीं लेना चाहते थे। हम पहले अपने सहयोगियों के साथ बात कर रहे हैं। जहां पर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी बात होनी है। कॉमन मिनिमन प्रोग्राम पर अभी काफी बातचीत होनी है। कांग्रेस और एनसीपी में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर कोई मतभेद नहीं है लेकिन शिवसेना ने हमारे साथ चुनाव नहीं लड़ा था इसलिए उनके साथ बातें तय होना बाकी है। एनसीपी से बात करने के बाद ही हम शिवसेना से बात करेंगे।
राज्य में दोबारा नहीं चाहता चुनाव: शरद पवार
एनसीपी-कांग्रेस की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा, हम महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी कोई जल्दबाजी नहीं है। 'सरकार कैसे बनाना है? सरकार की नीति क्या होगी? जब तक कांग्रेस-एनसीपी के बीच यह तय नहीं होगा, आगे बढ़ने का कोई मतलब नहीं।'
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की जल्दीबाजी के पीछे क्या ये है बीजेपी का दांव? जानिए