शरद पवार बोले- सांप्रदायिक ताकतों ने महाराष्ट्र में फैलाई हिंसा, राज्य सरकार पर भी लगाए आरोप
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र हिंसा पर अब जमकर सियासत हो रही है, गुरुवार को भी इस मसले को राज्यसभा में उठाया गया, बसपा, सपा समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा तो वहीं एनसीपी नेता शरद पवार ने एक बार फिर से कहा कि इस मसले को महाराष्ट्र सरकार ने अच्छे से संभाला नहीं वरना ये आग इतनी नहीं भड़कती। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि ब्रिटिश की फौज में महार रेजमेंट थी, इसी रेजमेंट ने पेशवाओं को हराया था, जहां हराया वहां दो साल से दलित समुदाय के लोग अपनी भावना व्यक्त करते हैं लेकिन कुछ कम्युनल लोगों ने वहां जाकर लोगों की भावनाओं को भड़का दिया।
मैं इन दोनों का नाम मैं लेना नहीं चाहता, इनके खिलाफ केस हुआ, जांच हो रही है इसलिए इन पर ज्यादा बोलना ठीक नहीं है, उन्होंने बताया कि दलित शख्स की समाधि पर हमला करने की कोशिश हुई, एक तारीख को लाखों लोगों पर पत्थरबाजी हो गई, अगर सबको मालूम था तो क्यों नहीं ध्यान दिया गया इसलिए ये स्थिति पैदा हो गई, मैं अपील करता हूं कि नफरत की इस आग को शांत किया जाए, आग किसी के लिए अच्छी नहीं।
उमर खालिद-जिग्नेश मेवाणी
आपको बता दें शरद पवार ने जिनका नाम नहीं लिया वो दो लोग हैं, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नेता उमर खालिद और गुजरात के विधायक और दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवाणी, जिन पर सेक्शन 153(A), 505, 117 के तहत पुणे में एफआईआर दर्ज हुई है, इन दोनों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है, शिकायतकर्ताओं के मुताबिक शनिवार वाडा में बीते 31 दिसंबर को मेवाणी और खालिद ने कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद हिंसा भड़की, जिसके बाद बुधवार को दलित नेता प्रकाश अंबेडकर की अगुवाई में कई संगठनों ने राज्य बंद बुलाया, इस दौरान मुंबई समेत कई इलाकों में हिंसा हुई. मुंबई पुलिस ने कुल 25 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है, इसके अलावा कुल 300 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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